जब अमेरिका का राष्ट्रपति भारत आता है , official visit पे , तो क्या प्राइम मिनिस्टर या सोनिया गाँधी उसे रिसीव करने एयर पोर्ट पे जाते हैं ? शायद नहीं . दो चार सीनियर मंत्री चले जाते हैं . एक बार बाबा रामदेव से मिलने 4 मंत्री चले गए थे एयर पोर्ट ........तब भी बड़ा बवाल मच था . कल सुना है मौन मोहन सिंह और राज माता दोनों ......अल्ल स्स्सुबह .......साढ़े तीन बजे .....घने कोहरे में .......इतनी सर्दी में ........बिना किसी सिक्यूरिटी और प्रोटोकोल के ......एअरपोर्ट पहुंचे हुए थे .........सांत्वना देने और शोक प्रकट करने .............साढ़े चार बजे उस लड़की का शव घर पहुंचा ............कालोनी के चप्पे चप्पे पे पुलिस और रैपिड ऐक्शन फ़ोर्स थी ......1000 तो RAF के जवान थे ......सादी वर्दी में भी पुलिस थी .......सुबह साढ़े चार बजे पुलिस ने परिवार और रिश्तेदारों को एक घंटा का मौका दिया .........रोने का .....आप इस सर्दी में ....घने कोहरे में ........कभी सुबह 5 बजे घर से बाहर निकले हैं ?????? मैं निकलता हूँ रोज़ ........अपने बच्चों के साथ .......रोज़ सुबह हम जाते हैं ........स्टेडियम ......... घुप्प अँधेरे में , घने कोहरे में हाथ को हाथ नहीं सूझता ........ऐसी ही सुबह थी वो .....पुलिस फ़ोर्स ने साढ़े पांच बजे शव रवाना कर दिया .....5.45 पे वो लोग श्मशान घाट पहुंचे ....चिता सरकार ने पहले से तैयार कर रखी थी ........पर घुप्प अँधेरा था, और हिन्दू धर्म में रात में अंतिम संस्कार वर्जित है .......लडकी के पिता ने विरोध किया और सूर्योदय का इंतज़ार करने का आग्रह किया ............7.30 पे उस अभागिन को मुखाग्नि दी गयी और वो पञ्च तत्व में विलीन हो गयी ........फिर ........बला टली और पुलिस ने मोहल्ला खाली कर दिया .........
दिल्ली में चप्पे चप्पे पे पुलिस है इन दिनों ..........धारा 144 लागू है दिल्ली में ........ मेट्रो के स्टेशन बंद हैं .......धरना प्रदर्शन पे पाबंदी है ....शव यात्रा में जाना मना है .........रोना मना है ...........बच्चे को जब भूख लगती है या दर्द होता है तो वो रोता है .........मुह पे टेप चिपका के उसकी आवाज़ को दबाया तो जा सकता है पर उसे रोने और चीखने से रोका नहीं जा सकता ........इस माहौल से इमरजेंसी की बू आती है .......मेरे दिलो दिमाग में धारा 144 लागू है ....रोना मना है
दिल्ली में चप्पे चप्पे पे पुलिस है इन दिनों ..........धारा 144 लागू है दिल्ली में ........ मेट्रो के स्टेशन बंद हैं .......धरना प्रदर्शन पे पाबंदी है ....शव यात्रा में जाना मना है .........रोना मना है ...........बच्चे को जब भूख लगती है या दर्द होता है तो वो रोता है .........मुह पे टेप चिपका के उसकी आवाज़ को दबाया तो जा सकता है पर उसे रोने और चीखने से रोका नहीं जा सकता ........इस माहौल से इमरजेंसी की बू आती है .......मेरे दिलो दिमाग में धारा 144 लागू है ....रोना मना है
सही कहा भाई लेकिन एक बात कहुँ तो अकेला चना भाड नही फोडता और आप भंडे पे भंडे फोडे जा रहो ..
ReplyDeleteआपकी यह पोस्ट यहाँ लिँ की गई हैँ सनातन ब्लाँग