Friday, May 24, 2013

Darling .........तुम्हारा मुस्लिम प्रेम तुम्हे ले डूबेगा

                                          मेरे पिता जी संघी नहीं थे . अलबत्ता कांग्रेस के बड़े कट्टर विरोधी थे . जब मैंने होश सम्हाला तो इंदिरा गांधी का ज़माना था . उन्होंने देश में इमरजेंसी लगा दी थी . जिस प्रकार एक धर्म भीरु हिन्दू के मुह से राम राम निकलता है और एक सच्चा मुसलमान पांच बार नमाज़ पढता है , तकरीबन उतना ही श्रद्धा पूर्वक , पिता जी , पूरा जोर लगा कर , खालिस उर्दू , फारसी और भोजपुरी में कांग्रेस और इंदिरा जी को  गरियाते थे . सो ऐसे माहौल में हमारी परवरिश हुई . जनसंघ और भाजपा की ओर झुकाव होना स्वाभाविक ही था . मुलायम सिंह और मायावती को भी निर्विकार भाव से गरियाया जाता है हमारे घर में ............. 2009 का लोकसभा चुनाव हो रहा था . बनारस और गाजीपुर से कुख्यात मुसलमान माफिया डॉन .......मुख्तार अंसारी और उसका भाई अफजाल अंसारी चुनाव लड़ रहे थे .......... इन दोनों के विरोध में ज़बरदस्त ध्रुवी करण शुरू हो गया . और सारा हिन्दू वोट polarize हो गया . बनारस में सबसे सशक्त कैंडिडेट मुरली मनोहर जोशी को पूरा हिन्दू वोट मिला . गाजीपुर की सीट पे सपा से राधे मोहन सिंह लड़ रहे थे और सबसे सशक्त उम्मीदवार थे . जीवन में पहली बार हमारे घर के ऊपर सपा के साईकिल का झंडा लगा ......हम लोगों ने बाकायदा घूम के सपा का प्रचार किया .........राधे मोहन सिंह के लिए वोट माँगा ........पूरे चुनाव में एक ही नारा चला ......... साले मुखतरवा को हराओ . ..........दोनों सीटों पे मुख्तार और अफजाल अंसारी बुरी तरह चुनाव हारे . मेरे जैसे कट्टर भाजपाई ने भी सपा को वोट दिया .........इसे कहते हैं ध्रुवीकरण ............

                                          UP , बिहार की रिपोर्ट अच्छी नहीं है . बड़ी बेचैनी है . अमित शाह जैसा घाघ बैठा दिया है मोदी ने UP में . खुद मोदी लखनऊ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं . बिहार की पूरी भाजपा बगावत का बिगुल बजा चुकी है . नितीश कुमार को मोदी से एलर्जी है . उनकी सेवा यात्रा में जहां जहां नितीश का पोस्टर लगा है , ठीक उसके बगल में भाजपा ने उसका दुगना बड़ा पोस्टर लगाया है ......मोदी का ...........लो उखाड़ लो जो उखाड़ सकते हो .........मोदी हैं भी बड़े घाघ ........सुना है कल लालू का हाल चाल ले रहे थे फोन पे ..........बिहार में अफवाहों का बाज़ार गर्म है .......नितीश सोनिया की गोद में बैठ सकते  हैं ...........मोदी का लालू से tactical alliance हो सकता है बिहार में ........अगर मुस्लिम वोट लालू के हाथ से खिसका तो लालू दस पंद्रह सीट ले के मोदी से हाथ मिला लेंगे .......... वरना आज लालू बिहार में डूब चुके हैं .......इस बार एक या दो सीट पे सिमट सकते हैं , पर उनका यादव वोट अभी भी उनके साथ बना हुआ है ....... उसपे मोदी ने एक नया मसाला छिड़क दिया है रायते पे ...........OBC .........हमें तो आज पता चला की मोदी  भी OBC हैं .......और UP , बिहार में अब तक दो ही अहीर थे ........अब तीसरा भी आ गया है ........ राम किशन यादव .........उर्फ़ बाबा रामदेव यादव ......... जी हाँ ......बाबा राम देव यादव ने कह दिया है .........कांग्रेस का समूल नाश करने के लिए अहीर बनना भी मंज़ूर है .......जैसे चाणक्य ने नन्द के नाश की  कसम खाई थी वैसे ही राम देव यादव ने खाई है ......मोदी को PM बनाना है और कांग्रेस का समूल नाश करना है .......उसके लिए चाहे अहीर ही  क्यों न बनना पड़े ....... UP  बिहार में भाजपा की सबसे बड़ी कमजोरी OBC चेहरे का आभाव रहा है .......उसके लिए वहाँ  मोदी और बाबा के  OBC चेहरे को आगे किया जा रहा है .......शतरंज की  एक गलत चाल बाज़ी पलट देती है .......नितीश वो गलती कर चुके हैं .........भाजपा वहाँ अब अकेले लड़ने का मन बना चुकी है .......56000 polling booths पे कमेटियां बन रही हैं .......संगठन का काम जोर शोर से चल रहा है ..........भाजपा नितीश को अगली गलती करने के लिए उकसा रही है .......पिछले पखवाड़े हुए तीन सर्वेक्षणों ने नितीश , मुलायम , लालू और मायावती की नींद उड़ा दी है ......उन सब में मोदी के पक्ष में ज़बरदस्त जन समर्थन दिखाई दिया है ....ख़ास कर युवाओं और महिलाओं में ........UP  बिहार के दलित और OBC युवा भी  मोदी के पक्ष में दिख रहे  हैं ........

                                              एक बार विश्व विख्यात मुक्केबाज George Foreman की  एक युवा मुक्केबाज से fight हो रही थी ......नया लड़का भारी पड़ रहा था ...........दस बारह राउंड हो चुके थे ......... टीवी का commentator बार बार सिर्फ एक ही बात कह रहा था ........beware of the old fox ........और फिर वो मौक़ा आया जब फोरमैन ने सिर्फ एक पंच मारा .......सिर्फ एक पंच .......और knockout ...... बिहार और UP में मोदी उस एक पंच का इंतज़ार कर रहे हैं .........मुस्लिम ध्रुवीकरण .....यदि मोदी के खिलाफ मुस्लिम ध्रुवीकरण हुआ तो .......... बनारस गाजीपुर की कहानी दुहराई जा सकती है .........मोदी इस बार दलित और OBC वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं ........और अब तक तो मुलायम अखिलेश उनके जाल में फंसते नज़र आ रहे हैं ........उनका मुस्लिम प्रेम उन्हें ले डूबेगा ......
                                               
                                             


















Wednesday, May 1, 2013

उस गुमनाम मजदूर को .........

                                        धर्म पत्नी यहाँ सुल्तानपुर लोधी में एक स्कूल की प्रिंसिपल है . मैं बच्चों के साथ  वहाँ पटियाला में रहता हूँ .जब कभी मौक़ा मिलता है तो यहाँ आता हूँ .और जब यहाँ आता हूँ तो कोई काम नहीं होता ......सारा दिन नेट पे बैठ के पढ़ना या लिखना ........अभी तीन दिन पहले एक पोस्ट लिखी है ......हरामखोरी हमारा राष्ट्रीय चरित्र है .......सारा दिन कुर्सी तोड़ते , नेट पे बैठे ऐसे ही ऊल जुलूल खयालात आया करते हैं .............

                                       साल भर पहले की बात है . शाम का समय था .अंधेरा हो चला था .हम दोनों नीचे लॉन में बैठे चाय पी रहे थे .  इस बिल्डिंग की तीसरी मंजिल बन रही थी . एक ट्रक रेत आयी हुई थी .और वो अकेला लगा हुआ था .उम्र रही होगी यही कोई पचास पचपन . पता नहीं कब से लगा था . हम दोनों बतिया रहे थे और चाय की चुस्कियां ले रहे थे . फिर पता नहीं कैसे उसकी तरफ ध्यान चला गया .  धर्म पत्नी ने बताया सुबह से लगा है .आठ सौ रु में ठेका लिया है इसने . पूरी रेत तिमंजिले पर चढ़ानी है .

                                        हम घंटों वहाँ बैठ के बतियाते रहे . वो लगा रहा .लक्ष्मी एक कप चाय और बना लाई .मुझे याद नहीं , पर शायद हमने उसे भी चाय पिलाई . या नहीं पिलाई , ठीक से याद नहीं .  9 बज गए .हम अन्दर चले गए .

                                       सुबह की चाय फिर उसी लॉन में . बाहर निकले तो वो फिर लगा हुआ था .रात को थोड़ा सा रेत बच  गया था .उसे उसने सुबह 7 बजे तक निपटा दिया . धर्मपत्नी बोलीं , कितना मेहनती है ये आदमी . फिर जब 9 बजे काम लगा , तो वो फिर हाज़िर था .

                                        स्कूल की बिल्डिंग अब बन के तैयार है . आज सुबह  फेसबुक खोला तो सामने मई दिवस पे मजदूरों पे कई पोस्ट चिपके हुए थे . बरबस उस गुमनाम मजदूर की याद आ गयी . मई दिवस पे उस के अनवरत बहते पसीने को सलाम .......