Tuesday, July 9, 2013

मीडिया ........भेड़ियों का समूह

                                                               दस एक साल पुरानी बात है . उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के एक गाँव का एक  लड़का हुआ करता था .नाम था सौरभ सिंह .कोटा में रह के IIT की तैयारी करता था. यूँ UP बिहार में लड़के बड़ी संख्या में इस तरह बाहर जा कर " कम्पटीसन " की तैयारी किया करते हैं .और कई बड़े शहरों में इस प्रकार की  ढेरों दुकानें और अड्डे खुल गए हैं .पुराने ज़माने में IAS की तैयारी का सबसे मशहूर अड्डा इलाहाबाद हुआ करता था .इन लड़कों में अधिकाँश अपने पैदाइशी चूतिया बाप को और चूतिया बना कर उस बेचारे के पैसे से दो चार साल ऐश करते थे फिर चुपचाप घर बैठ जाते थे. पुराने जमाने में तो ऐसे लौंडे बढ़िया मार्केटिंग कर के मोटा दहेज़ देने वाला ससुर भी खोज लेते थे .पर अब ससुरे सयाने हो गए हैं इसलिए वो धंदा तो बंद हो गया है .पिछले दस पंद्रह साल से ये IIT और PMT की दुकानें भी खुल गयी हैं .आज का हमारा हीरो सौरभ सिंह बहुत मेधावी लड़का था सो बाप ने उसे कोटा भेज दिया . वहाँ लड़के ने वाकई बड़ी मेहनत की . और एक दिन घर  लौटा तो उसने बताया की उसने नासा (NASA ) का एक बहुत बीहड़ किस्म का exam पास कर लिया है . ऐसा एग्जाम जिसमे अपने राष्ट्रपति APJ ABDUL KALAAM  तक फेल हो गए थे . सिर्फ कल्पना चावला पास हुई थी . गरीब अनपढ़ बाप बेचारा .....फूला नहीं समाया .....छाती चौड़ी हो गयी ................ कुर्ते के बटन टूट गए ...........रातों रात बात पूरे गाँव में आग की तरह फ़ैल गयी . वैसे ऐसी बातें जानबूझ कर भी फैलाई जाती हैं ..........इस से matrimonial circuit में कैंडिडेट का रेट और रेटिंग बढ़ती है . गाँव के ही किसी उत्साही व्यक्ति ने ये खबर स्थानीय अखबार में छपवा दी . मुझे याद है .....पहली बार दैनिक जागरण के बलिया वाले पेज पर एक कालम 5 सेंटीमीटर की खबर रही होगी ............... फिर धीरे धीरे बात बढ़ने लगी ....अखबार लिखने लगे .....इंटरव्यू छपने लगे .....अभिनन्दन समारोह होने लगे ...............बागी बलिया को चंद्रशेखर के बाद नया हीरो मिल गया था . और देखते ही देखते इसने सुनामी का रूप ले लिया . उत्तर प्रदेश की विधान सभा में लड़के का अभिनन्दन हुआ . सभी विधायकों ने अपना एक दिन का वेतन लड़के को देने का प्रस्ताव किया . स्थानीय विधायक और सांसद ने अपनी विकास निधि से लाखों रु दे डाले . ये उत्सव लगभग महीना भर चलता रहा . लड़के ने एक स्थानीय अंग्रेजी स्कूल से दसवीं की थी .उसकी मालकिन ने बयान दिया ...........मेरे तो बेटे जैसा है . मैं तो पहले दिन से ही जानती थी की आगे चल के गुल खिलायेगा.  हालांकि लौंडे ने दसवीं में सिर्फ 62 % नंबर लिए थे और बारहवीं में सिर्फ 54 % ..........फिर भी .....कुछ फूल देर से खिलते  हैं .......
                                 सो मैडम जी ने भी सोचा की चलो बहती गंगा में हाथ धो लिया जाए . उन्होंने उठा के राष्ट्रपति जी को लिख दिया की देख लो हमारे गाँव में कितना होनहार लड़का है ........अब आप  हमको president house बुलवा लो ...........अपने कलाम साहब ठहरे सीधे साधे शरीफ आदमी ........उन्होंने भी खट्ट से जवाब दिया .........आ जाओ ............लो भैया .....फिर मचा बवाल ....अखबारों में और TV पे .......नए सिरे से ........कैफियत एक्सप्रेस में सौरभ सिंह और मैडम जी का " रेजुबेसन " हुआ AC 2 टियर में .........बाकायदे जलूस  निकाल के बलिया वाले  सौरभ सिंह को आजमगढ़ तक चढ़ा के आये .........वहाँ दिल्ली पहुंचे तो स्टेशन पे भीड़ थी पत्रकारों की .......कौन कहाँ कैसे ....कौन सा एग्जाम ....किसने कराया .......कहाँ पेपर हुआ था ......कितने नंबर आये थे .......राष्ट्रपति जी कब फेल हुए ...........कल्पना चावला कैसे पास हो गयी .........मची चिहाड़ .........और एक दिन में ही इन नामुराद मीडिया वालो ने भांडा फोड़ दिया .........सब फर्जी है .....जिस दिन PRESIDENT HOUSE में जाना था उसी दिन सुबह अखबारों में छप गया ....सब फर्जी है .........अपने कलाम साहब वाकई शरीफ आदमी थे .......... इतना सब होने के बाद भी उनकी महानता देखिये की वो सौरभ  सिंह और मैडम जी से मिले ......लड़के को जीवन में मेहनत करने की सलाह दी , मैडम जी को भी लेक्चर  पिलाया ..........ठीक से बच्चों को पढ़ाया करो ......और उन्हें चाय समोसा खिला के भेजा .........
                                                                                  बाहर निकले तो भेड़ियों का गैंग खड़ा  था .....नोचने के लिए .......मैडम जी किसी तरह जान बचा कर भागी ......सौरभ सिंह जिस कैफियत एक्सप्रेस में AC में सो के गए थे उसी कैफियत के जनरल कम्पार्टमेंट में बोरे की तरह ठूंस कर वापस आये ..........अगले दो दिन तक थोड़ा बहुत विलाप हुआ अखबारों में , फिर मामला एकदम गधे के सींग की तरह गायब हो गया.
                                                               इस पूरे मामले में मैंने ये देखा की सौरभ सिंह की कोई गलती नहीं थी . उस बेचारे ने तो कोटा में अपनी असफलता छुपाने के लिए बाप से झूठ बोला था .मीडिया ने अपनी दूकान चमकाने के लिए बिना कोई जांच पड़ताल किये दनादन छापना दिखाना शुरू कर दिया. पहले एक फर्जी स्टार पैदा किया ........फिर उसे गली गली नचाते फिरे . हफ़्तों तमाशा देखा . फिर खुद ही पोल खोल दी ........फिर उसी गली में कुछ दिन नंगा कर के घुमाया . फिर एक नए स्टार की खोज में निकल पड़े .
                                                      उत्तराखंड में इन्होने मोदी के साथ भी यही किया .पहले  ना जाने कहाँ से पंद्रह हज़ार की फिगर ले आये . हीरो बनाया .फिर खुद ही सवाल उठाने शुरू कर दिए . और  बात RAMBO , DUMBO और SCAMBO तक पहुंचा दी .देश का  मीडिया हमें बेवक़ूफ़ बना कर , जानबूझ कर बेकार के मुद्दों में उलझा कर अपनी दूकान चला  रहा  है .
                                                           











5 comments:

  1. एकदम सही आंकलन है आपका.....मीडिया कभी भी मुद्दों को सही ढंग से न तो पेश करता है न ही उन मुद्दों के हल होने से उसका कुछ लेना-देना है......धंधा चलना चाहिए बस......!!!
    मैं भी बलिया का ही हूँ, और जिस दिन इस लड़के की फोटो,साक्षात्कार अखबार में पढ़ा, उसी दिन आशंका हुई. ...अंततः जो निर्मूल सिद्ध नहीं हुई.......!!!

    ReplyDelete
  2. Ekdam sateek chot, mujhe kai bar pipli live ka wo drishya yaad aa jata hai jisme media nattha ke aakhri ka vishleshan kar rahi hoti hai...

    Kunwar ji,

    ReplyDelete