Thursday, April 28, 2011

ssssssssshhhhhhhhh............कोई जाग रहा है

अप्रैल का महीना UP में बीता ....अन्ना हजारे के समर्थन में 5 दिन अनशन किया .....गाजीपुर में हम लोग रेलवे स्टेशन के सामने एक पीपल के पेड़ के नीचे धरना दे के बैठे थे ......हमारे साथ भाई ब्रिज भूषण दुबे जी और उनकी पूरी टीम भी थी .....ब्रिज भूषण जी पिछले 15 -20 साल से गाजीपुर में भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे हैं ...इस दौरान वो लगभग 20 -25 भ्रष्ट लोगों को जेल भेज चुके हैं . उस 5 दिन के अनशन में वो अपने अनुभव बताते रहे .......कैसे उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़वाया ......क्या क्या दिक्कतें आती हैं .....उन अनुभवों को सुन कर मुझे लगा की क्यों जन लोकपाल बिल लागू करना ज़रूरी है ......कुछ अनुभव आपके साथ साझा कर रहा हूँ ....
1) तहसील का एक कानूनगो बहुत घूसखोर था ..सब किसान उस से त्रस्त थे .उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़वाने के लिए ये लोग vigilance विभाग के DSP के पास गए.....DSP साहब बोले sorry , हम तभी trap कर सकते हैं जब collector साहब दो सरकारी कर्मचारी गवाह देंगे .......खैर साहब दो गवाक मुक़र्रर हुए ...पर trap से ऐन पहले उन्होंने खुद उस कानूनगो को आगाह कर दिया और trap फेल हो गया .एक अन्य केस में ये दोनों सरकारी गवाह मुक़दमे के दौरान अपने बयान से मुकर गए .......एक नायब तहसीलदार के खिलाफ मुकदमा 15 साल से चल रहा है ........
2 ) एक भ्रष्ट मुंसिफ जज के खिलाफ बहुत शिकायत थी .......ये लोग vigilance से मिले ......अब जज के खिलाफ trap तभी लग सकता है जब हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की अनुमति मिलेगी . ये लोग हाई कोर्ट पहुंचे ......चीफ जस्टिस का PA कहता है छोडिये ....हम फ़ोन कर देते हैं आपका काम हो जायेगा .....इन लोगों ने कहा की हमारा कोई काम नहीं है ...बस उस घूसखोर को पकडवाना है ....अब PA साहब बोले ,चलो फोन कर देते हैं ...घूस लेना बंद कर देगा ........जब ये लोग अड़ गए तो उसका वहां से ट्रान्सफर कर दिया गया पर trap के लिए अनुमति नहीं मिली......एक SDM की शिकायत थी .....अब SDM ठहरा gazetted officer , उसे ट्राप करने के लिए chief secretary की अनुमति चाहिए ........वो अनुमति पिछले 4 साल से लटकी हुई है .......इस बीच वो sdm साहब सुना है deputy collector हो गए हैं.......
3 ) दुबे जी द्वारा पकड्वाए हुए 20 -25 लोगों के खिलाफ मुक़दमे 15 -20 सालों से चल रहे हैं ...अब तक किसी केस में सज़ा नहीं हुई है ......कुछ लोग बा इज्ज़त बरी हो गए हैं ......अब कहने को तो सरकार चाहती है भ्रष्टाचार को खत्म करना ...पर पिछले 42 साल से सिर्फ चाहती है .....अब अन्ना हजारे अगर आमरण अनशन पर बैठ गए तो तो भाई लोगों को blackmailing लगती है
UP की सरकार students को scholarship देती है. 5th तक 320 रु , 8th तक 450 रु और 9 -10 को 720 रु . पिछले साल लगभग 1400 करोड़ रु बांटे गए .पिछले 5 सालों में 7000 करोड़ रु की scholarship दी गयी है ........
इसमें 80 % रकम का घोटाला है ......लोगों ने education deptt और समाज कल्याण विभाग से मिली भगत कर के सारा पैसा खा लिया है .......एक एक ग्राम सभा में 35 -35 स्कूल खुले हुए हैं ......एक एक स्कूल में 9th -१०थ क्लास में 1000 या 1500 तक students दिखाए गए हैं .......एक बानगी देखिये ........
गाजीपुर जिले की जखिनिया ब्लाक के बिराहीपुर ग्राम सभा में 35 स्कूल हैं .........गौतम बुद्ध उच्तर माध्यमिक विद्यालय में 9 th और 10 th क्लास में 1656 students हैं ........उनको 11,65,200 की scholarship सरकार ने दी है ......अब कम से कम 10 ऐसे departments है जो इस बात को verify करते हैं कि हाँ ये स्कूल है , इसे बाकायदा मान्यता ( affiliation ) मिली है इसका एक बहुत लम्बा चौड़ा process होता है .......फिर इन सारे students का admission ,उसका verification ,फिर इन सबका एक बैंक में अकाउंट खुलता है ......अब मुझे या आपको बैंक में अकाउंट खुलवाना हो तो चप्पल घिस जाती है .....पर वही बैंक अपने यहाँ 25000 से ज्यादा फर्जी अकाउंट एक मिनट में खोल देता है .......फर्जी नाम ,फर्जी बाप का नाम ,फर्जी एड्रेस ,फर्जी फोटो ,फर्जी signatures ..............,इसके बाद UP गवर्नमेंट का समाज कल्याण विभाग दलितों ,पिछड़ों और अल्प संख्यकों के लिए हर साल 1400 करोड़ रु देता है .............कम से कम 10 डिपार्टमेंट निगरानी करते हैं .......फिर भी सारा पैसा खा लिया जाता है ...........और ये सारा घोटाला 5 --7 साल से चल रहा है ......मुलायम सिंह और मायावती के राज में जो अपने आपको इन दलितों और अल्पसंख्यकों और पिछड़ों का मसीहा बताते हैं ........
सबसे निराशा जनक बात ये है की गाँव के बच्चे बच्चे को ये बात मालूम है की ऐसा घोटाला हो रहा है ..........फिर भी सब चुप चाप सह रहे हैं .........भेड़ बकरियों की तरह .......तो साहब हमें जब ये बात मालूम हुई तो हमने तुरंत एक RTI डाल दी ......और इलाके में कुछ दीवारों पर नारे लिख दिए ......scholarship की लूट बंद करो ......इस से समाज में एक message तो चला ही गया कि ......कुछ लोग देख रहे हैं ......और इसका असर देखिये कि बेचू यादव उच्तर माध्यमिक विद्यालय मंझनपुर ने 2008 -9 में 1437 स्टुडेंट्स के 10,34,640 रु लिए थे इस साल सिर्फ 20 students के 14400 रु लिए हैं ...............अब हमने इस पूरे मामले कि पूरी जानकारी इन्टरनेट से इकट्ठी कर के ऊपर तक complaint डाल दी है .......जी हाँ ...president .....PM ...CM ......vigilance ....lokayukta .....और media ....सबको .....कुछ लोगों को लग सकता है कि कुछ नहीं होगा ....नहीं मेरे भाई होगा ..ज़रूर होगा .......अरे कम से कम इतना तो होगा ही न ......कि चोर को पता लगेगा कि कोई जाग रहा है .......और अगर सरकार कुछ नहीं करेगी तो ??????????????.............. सत्याग्रह का रास्ता तो खुला ही है .........अन्ना हजारे की तरह फिर आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे ........... हाई कोर्ट में PIL डाल देंगे .......पर मेरे प्यारे दोस्तों ...इस लड़ाई में आप सबका साथ चाहिए .............सिर्फ moral support .....मुझे मालूम है चना अकेला नहीं है ........
और अगर आपके इर्द गिर्द भी अगर कोई भ्रष्टाचार हो रहा है तो .........जागते रहिये ..........और आवाज़ उठाइए ........










Sunday, April 24, 2011

वो लड़की ......जिसे उसके बाप और भाइयों ने मारा

कई साल हो गए मरे उसे . दिन रात चहकती फिरती थी घर आँगन में . कभी हंसाती थी ...और कभी रुला देती थी ...कभी गंभीर हो जाती तो कभी एकदम शोख ...चंचल . किस दिन मरी ठीक ठाक ये तो याद नहीं ......पर 5 ...7 साल हो गए शायद . सुनते हैं की बाप और भाइयों ने ही मारा...... माँ की भी मिली भगत थी बताते हैं .......क्यों मारा होगा ?कोई पैसे वैसे का चाक्कर था शायद .......पर पैसों के लिए कोई बहन बेटियों को थोड़े ही मारता है .....फिर ऐसी भी क्या आन पड़ी थी ? अच्छे खाते पीते लोग थे उसके बाप और भाई . बहुत पहले जब ये लोग बहुत गरीब थे .....जब दो कौर खाने को भी नहीं होता था ...सुना है तब उसे बहुत प्यार करते थे .....जान छिड़कते थे .....पाल पोस कर बड़ा किया .सालों उसे बड़े जतन से सहेजा ......क्या मजाल की कोई आँख उठा कर देख ले ....आँखे निकाल लेते थे .....सामने चाहे कोई भी हो ...बड़े से बड़ा कोई गुंडा बदमाश हो ,उद्योगपति हो या फिर नेता या तानाशाह ..... चाहे जो हो किसी से नहीं डरते थे . फिर अब ऐसा क्या हुआ की उसी बेटी को मार डाला .
चर्चा है की पैसों की खातिर मारा . और वो भी एक झटके में नहीं मारा ....धीरे धीरे मारा .....तिल तिल कर के मरी .और मारा भी सरे आम ........सारा मोहल्ला देख रहा था ......पर बेबस थे हम लोग ....लाचार.....कुछ नहीं कर सके ......कर भी क्या सकते थे ....सिवाय रोने के .
अरे आप भी तो जानते होंगे ....बड़ा प्यारा सा नाम था .....न्यूज़ .....प्यार से ख़बरें और समाचार भी बुलाते थे सब लोग ........मर गयी बेचारी . याद है पहली बार जब देखा उसे ........नहीं तब दिखती नहीं थी ...सिर्फ सुनते थे उसे .....मुझे याद है ,मैं तब दस एक साल का था ......1975 की बात है .इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी लगा दी थी देश में ....उन दिनों चंडीगढ़ की एक फौजी कालोनी में रहते थे हम लोग ......रात पौने नौ बजे ...सन्नाटा छ जाता था पूरी कालोनी में ...फिर 4 -5 बार बीप की आवाज़ आती ...और फिर वो धीर गंभीर आवाज़ ......ये आकाशवाणी है ......अब आप देवकी नंदन पाण्डे से समाचार सुनिए ........उन दिनों यूँ लगता जैसे पूरी कायनात सुन रही हो उसे ......बताते हैं की इमरजेंसी में उठा के बंद कर दिया था उसे
पूरे परिवार के साथ ...फिर भी इन लोगों ने हार नहीं मानी .......चुप नहीं बैठे ......और दो साल में ही औकात बता दी थी सबको ......फिर टीवी आया .....दिखने लगी सुबह शाम ......कुछ दिन तो सब ठीक ठाक चला .......फिर बताते हैं की इसके भाइयों की नीयत खराब हो गयी......एक भाई था उसका
रजत शर्मा नाम था.कहता था की करोड़ पति बनूँगा . उसी ने सबसे पहले उसे घर से बहार निकाला..... और थोड़े ही दिनों में बहुत अमीर हो गया ....फिर इसके बाद तो सबकी नीयत खराब हो गयी .....सभी उसे बेचने लगे ...चन्द रुपयों की खातिर .......आखिर कब तक बर्दाश्त करती ...मर गयी धीरे धीरे .....उसका एक भाई होता था ....S P SINGH नाम था उसका ....बहुत प्यार करता था उसे .....जान छिड़कता था .......बड़ी सेवा की थी उसने न्यूज़ की .....जब दिल्ली में उपहार सिनेमा का अग्नि कांड हुआ तो उसने सारी न्यूज़ कवर की थी .....शाम को समाचार पढ़ के जो घर लौटा तो उस हादसे के सदमे से मर गया ......हार्ट अटैक हो गया .कई बार मैं सोचता हूँ की बड़ा अच्छा हुआ जो S P SINGH तभी मर गया ...आज अगर आज तक की हालत देखता तो जीते जी मर जाता ( प्रख्यात पत्रकार स्वर्गीय श्री sp singh वर्तमान टीवी पत्रकारिता के जन्म दाता थे और आज तक चैनल की शुरुआत उन्होंने ही की थी ) अब उसकी जगह एक नई लड़की ले आये हैं ये लोग पता नहीं कहाँ से .....कोठे पर बैठा दिया है उसे ......दिन रात नचाते हैं उसे .....बेशर्मी से हंसती है .....आवारा लड़कों के साथ घूमती है सार सारा दिन .......कभी बिग बॉस के घर तो कभी सड़कों पर .......बिना ड्राईवर की गाडी में .....कभी भूत भूत चिल्लाती है तो कभी कहती है ....भागो ...प्रलय आ गयी......दिन रात गली में लौंडों के साथ किरकेट खेलती है ....
एक और भाई था उसका ...कहता था ..जैसी भी है ......है तो मेरी बहन ही ......पागल हो गया था ...दिन रात लड़ता था अपने बाप से ........गरियाता था अपने भाइयों को ......एक चुनरी ले कर घूमता था ....कहता था पहनाऊंगा उसे ......हमारे घर की इज्ज़त है ....बेटी है मेरी .....मर गया पिछले दिनों .......वही चुनरी हाथ में लिए ......आलोक तोमर नाम था उसका .......