Saturday, June 18, 2011

उम्मीद अभी बाकी है दोस्त .......

पिछले दिनों की बात है .....यहाँ हरिद्वार में दिव्य योग पीठ की धर्मशाला में एक सज्जन मिल गए .....बगल के कमरे में रुके हुए थे सो सामान्य शिष्टाचार के अंतर्गत प्रतिदिन दुआ सलाम होती थी .....एक दिन यूँ ही उन्होंने मुझसे पूछ लिया की आप क्या करते हैं .....मैंने उन्हें संक्षेप में बताया की मैं यहाँ दिव्य योग पीठ में सेवाव्रती हूँ और हम लोग यहाँ सोयाबीन के दूध के ऊपर कार्य कर रहे हैं ...और यह की ये अत्यंत पौष्टिक होता है और इसे घर पे मात्र 2 रु लीटर की दर से तैयार किया जा सकता है .....इतना सुन के उन्होंने इस सम्बन्ध में और ज्यादा जानने की इच्छा व्यक्त की और वो मुझे आग्रह करते हुए अपने कमरे में ले गए ....वहां उनकी पत्नी और दो बच्चे भी थे ....परिचय के बाद हम लोग काफी देर तक बात करते रहे और वो मुझसे कुरेद कुरेद कर ज्यादा जानकारी लेते रहे ......लम्बी बातचीत के बाद हम लोगों ने अपने फोन नम्बर एक दूसरे को दिए .......उन्होंने अपना email id लिखाया .......सोमप्रकाश MLA ....तो मैंने यूँ ही पूछ लिया ....ये MLA का क्या मतलब हुआ ...तो वो श्रीमान जी तो कुछ नहीं बोले और बात को टाल गए पर उनका बेटा बोल पड़ा की पापा MLA हैं ...... अब मेरा माथा ठनका .....MLA ...... परिवार सहित पिछले 4 दिन से ......यहाँ इस धर्मशाला में ......सामान्य से कमरे में ........जहाँ 2 bed हैं सिर्फ ....और पत्नी एक पतली सी चादर बिछा के नीचे फर्श पर लेटी है ......शाम को पूरा परिवार नीचे लंगर हॉल में सबके साथ जमीन पे बैठ के खाना खाता है ........ सामान्य सा भोजन ......दाल भात रोटी तरकारी .....जब मैंने उनके बारे में और ज्यादा जानने की उत्सुकता दिखाई तो जो कुछ थोडा बहुत उन्होंने अपने बारे में मुझे बताया ......और फिर इन्टरनेट पर डुबकियाँ लगा कर जो जानकारी उन सज्जन के बारे में मुझे हासिल हुई वो सब जान के .......मैं अभिभूत हूँ .....जो निराशा का भाव पिछले दिनों मेरे अन्दर बैठ गया था ........उन घने काले बादलों के बीच एक हलकी सी आशा की किरण दिखाई दी .....आज सोचा की सोम प्रकाश जी की पूरी कहानी संक्षेप में आपके साथ शेयर करूँ ........
तो दोस्तों कहानी प्रथम द्रष्टया पढने सुनने में पूरी फ़िल्मी है .....पर सबसे बड़ी बात की एकदम सच है ..........तो हुआ यूँ की एक श्रीमान जी हैं .....नाम है सोम प्रकाश .......बिहार के रोहतास जिले में एक गाँव है मकराइन ....वहां के रहने वाले हैं ..... बिहार पुलिस में दरोगा थे .......लालू जी का राज था .......अब अपने लालू जी के राज में दरोगा बेचारा .......अब ये श्रीमान जी एकदम इमानदार ........एकदम फ़िल्मी अंदाज़ में ......सो किसी की सुनते नहीं थे और किसी गरीब आदमी पे ज़ुल्म बर्दाश्त नहीं करते थे और एकदम इमानदारी से कार्यवाही कर डालते थे फिर सामने चाहे जो हो ....और किसी का फोन या सिफारिश नहीं सुनते थे चाहे अपना पुलिस कप्तान हो या मिनिस्टर MLA ....सो अब आप तो जानते ही हैं की ऐसा आदमी हमारे सिस्टम में चल नहीं पाता सो इनका भी ट्रान्सफर हर 2 -3 महीने में हो जाता था ....तो अंत में जब पुलिस विभाग इनसे तंग आ गया तो इनका ट्रान्सफर कर दिया naxalite एरिया में ........की लो बेटा चलाओ इमानदारी से थाना ..........और ये श्रीमान जी भी डट गए .....बात सन 2004 की है ......ये ओबरा नामक एक अत्यंत पिछड़े हुए क्षेत्र में posted थे ........नक्सलियों का राज था ....सरकार एवं प्रशासन का नामो निशाँ तक नहीं था .........छोटे छोटे बच्चे हथियार ले के घूमते थे ...सरकारी स्कूल सब बंद पड़े थे ......तो सबसे पहले तो इन्होने वहां एक शैक्षिक जागृति मंच की स्थापना की और छोटे छोटे बच्चों की पढ़ाई हेतु स्कूल खोलने शुरू किये .......इसके साथ ही लोगों के साथ मिल जुल के काम करना शुरू किया .........पर समस्या यहाँ भी वही थी हर 4 -6 महीने बाद तबादला .....पर इन्होने उस तबादले को ही अपना हथियार बना लिया ...जहाँ जाते वहां हर गाँव में स्कूल खोल देते ......इस तरह श्रीमान जी लगातार 6 साल तक naxalite एरिया में काम करते रहे और बाकी सारे कामों के साथ बच्चों का पुनर्वास करते रहे .....उनके हाथ से बंदूकें और बम ले कर उन्हें कापी किताब और कलम पकडाते रहे .......उस दौरान उनके बारे में कहा जाता है की उनके नाम से गुंडे बदमाश और naxalite थर थर कांपते थे ........बाद में जब लालू जी का राज गया और अपने नितीश बाबू का राज आया तो इनके काले पानी की सज़ा ख़तम हुई और इन्हें नितीश बाबू के गृह नगर बख्तियार पुर का थानेदार बना के भेजा गया ........अब वहां जा के ये कौन सा सुधरने वाले थे .....जाते ही सींग से सींग भीड़ गए ........अब इनका तो पुराना सिद्धांत था ही ...किसी नेता और अफसर का फोन नहीं सुनना है .......सो श्रीमान जी को तीन महीने बाद ही insubordination अर्थात अपने अधिकारी का आदेश न मानने के आरोप में ट्रान्सफर कर दिया गया .....और कुछ दिन बाद suspend कर दिया गया ........अब बख्तियार पुर की जनता सड़क पर उतर आई और उन्होंने नितीश बाबू से ये सवाल किया की सोम प्रकाश का तबादला सिर्फ तीन महीने बाद क्यों किया गया ....बताया जाए ......अब इसका क्या जवाब देते nitsih babu और उनका पुलिस विभाग....सो जनता ने आम हड़ताल कर दी और देखते देखते ये हड़ताल आस पास के 4 -5 जिलों में फ़ैल गयी .........जनता के दबाव के कारण महकमे ने दरोगा जी को बहाल कर दिया पर अब दरोगा जी अड़ गए की ऐसी नौकरी नहीं करूँगा .......और उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया ..........महकमे ने लाख मनाया पर नहीं माने और अंत में इस्तीफ़ा मंज़ूर हो गया ..........इतने नाटक के बीच ओबरा क्षेत्र के लोग इनके पास पहुंचे की आप हमारे क्षेत्र से चुनाव लड़िये ..........और जनता के आह्वाहन पर इन्होने चुनाव लड़ने का निर्णय किया ..........और तीन कसम खाई .........1 ) किसी पार्टी से टिकट नहीं लेंगे ....2 ) अपनी जेब से एक पैसा नहीं लगायेंगे .........3 ) किसी जाति का vote नहीं मांगेंगे....अब आज के समय में बिहार की राजनीति में ये तीनों बातें ही अकल्पनीय है ....... और तब जब की नितीश बाबू की पार्टी की लहर चल रही हो ....उन्हें अपार जन समर्थन हासिल हो .........तो ऐसे माहौल में भी सोम प्रकाश जी ओबरा से निर्दलीय चुनाव लड़े और नितीश कुमार की प्रचंड आंधी में भी उनकी पार्टी के एक बहुत बड़े नेता को 5000 से ज्यादा वोटों से हरा कर विजयी हुए .........और उनके चुनाव में कुल 1,28,000 रु खर्च हुए जो जनता ने स्वयं चंदा कर के जुटाया .......आज सोम प्रकाश जी बिहार विधान सभा में ओबरा से MLA हैं .........जो एक लाख रु उन्हें MLA का वेतन मिलता है उसे अपनी पार्टी .....जो उन्होंने बनायी है ....उसके fund में जमा करते हैं .......अपना घर खर्च सिर्फ 10,000 रु में चलाते हैं ....यहाँ हरिद्वार में पतंजलि योग पीठ में स्वामी रामदेव जी के अनशन में भाग लेने आये हुए थे ...........दिल्ली जा के रामलीला मैदान में सपरिवार अनशन पे बैठे .....और जब उस दिन वहां से रात 2 बजे लठिय के भगा दिए गए तो वापस यहाँ हरिद्वार आये और पूरे 9 दिन तक अनशन पे बैठे रहे ........
तो दोस्तों आज मैंने सोम प्रकाश जी की कहानी आपसे इसलिए शेयर की क्योंकि आज के इस माहौल में जब हम सभी लोगों ने मान लिया है की सभी नेता चोर हैं .....डाकू हैं ......पुलिस पूरी तरह भ्रष्ट है .....हमारा देश भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है .......पतन की ओर बढ़ रहा है .........चारों तरफ निराशा है .......तो इस समय भी हमारे देश में सोम प्रकाश जैसे लोग मौजूद हैं ......ऐसे लोग जो पुलिसिया तंत्र के इस भ्रष्ट सिस्टम में रहते हुए भी लड़ रहे हैं ....survive कर रहे हैं ......और ये की आम जनता भी ऐसे लोगों को पहचान रही है ....उनकी सेवाओं को स्वीकार कर रही है ....उनकी सराहना कर रही है ...और ज़रुरत पड़ने पर सर आँखों पर बैठा रही है ......दोस्तों इस घोर अन्धकार में भी उम्मीद की एक किरण नज़र आती है .........अक्सर लोग कहते हैं की चुनाव में हमारे पास कोई विकल्प नहीं होता ....पर मैं मानता हूँ की नहीं विकल्प हमेशा होता है ....हम लोग उसे देखते नहीं हैं .......आखिर ओबरा के लोगों ने तमाम बड़ी पार्टियों के उम्मीदवारों को लात मार के एक अच्छे आदमी को chun ही लिया .......
आज ओबरा की जनता ने हिन्दुस्तान के हर आदमी को एक रास्ता दिखाया है .......मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी है की आज के इस माहौल में भी हमारे इर्द गिर्द बहुत से सोम प्रकाश हैं जो चुपचाप इमानदारी से अपना काम कर रहे हैं .......ज़रुरत है उन्हें पहचान के ...आगे लाने की ....समाज में उन्हें role models के रूप में स्थापित करने की ..........सोम प्रकाश जी अपने क्षेत्र की गरीब जनता के बीच बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं ...वहां कुटीर उद्योग और गरीब औरतों के लिए स्व रोज़गार की कुछ योजनायें शुरू करना चाहते है .......ऐसे आदमी की उत्साहवर्धन होना ही चाहिए जिससे उसका हौसला बना रहे और वो जी जान से इस भ्रष्ट सिस्टम में टिका रहे और हमारे लिए लड़ता रहे .........उनका नंबर है .....09931419414 ........09471003295 ......09431067822 ....और email id है somprakashmla @gmail .com ....उन्हें फोन पर बधाई दें और उनका उत्साहवर्धन करें ..........इस घने अन्धकार में .....इस आंधी तूफ़ान में भी ये दिया...... जलते रहना चाहिए .....

2 comments:

  1. Very informative blog. I am very happy to see people such as Som Prakash ji doing such good work. Gives us all a lot of hope and inspiration.
    -Pranab, USA (student)

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  2. sounds like a movie :)... sahi mein ummeed abhi baaki hai dost :)

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