आज कल यहाँ पंजाब में कबड्डी का वर्ल्ड कप चल रहा है .......बड़ी चर्चा है ...... अखबारों में चर्चा है ......टीवी पे लाइव आ रहा है ....... एक दिन शाहरुख आये .........फिर कटरीना आयीं ......... ऐश्वर्या उम्मीद से हैं वरना वो भी आतीं .....बड़ा जलवा है ...........सुखबीर बादल साहब ने कहा है कि कबड्डी को ओलम्पिक में शामिल कराने की कोशिश कर रहे हैं ........ ये सब देख के कुछ उम्मीद मुझे भी बंधी ......मेरी भी बड़ी दिली तमन्ना है कि घुमरी परौते का भी वर्ल्ड कप हो .......घुमरी परौते को भी ओलम्पिक में शामिल किया जाए ........अब आप सोच रहे होंगे कि ये घुमरी परौता क्या बला है .......... हर क्षेत्र के अपने अपने खेल होते हैं .....जैसे पंजाब में कबड्डी खेलते हैं वैसे ही हमारे यहाँ पूर्वांचल में बच्चे घुमरी परौता खेलते हैं .......ये बड़ा ही कलात्मक गेम है .......फिगर स्केटिंग या रिदमिक जिम्नास्टिक तो इसके आगे कुछ भी नहीं ........गज़ब का perfection चाहिए ...... शरीर पे नियंत्रण चाहिए ....... इसमें छोटे बच्चे मूतते हुए गोल गोल घुमते हैं और इससे उस मूत्र की धार से जो circle बनता है उसकी quality , उसकी perfection पे ही विजेता का चुनाव होता है .........और उसमे जिसके सबसे ज्यादा चक्कर लगते हैं उसके पॉइंट अलग से मिलते हैं ....... इस गेम का प्रचार प्रसार और लोकप्रियता अपार है ......जैसे mother tongue होती है न वैसे ही इसे mother sport तो नहीं पर father sport ज़रूर कह सकते हैं .....क्योंकि माताओं का तो मैं कह नहीं सकता पर हम सबके बाप इसी गेम को खेल के बड़े हुए हैं ........पूर्वांचल का लड़का लड़का यही खेल के बड़ा होता है .........और जहां तक लोकप्रियता और प्रसार की बात है तो UP बिहार का तो ये स्टेट गेम घोषित हो सकता है ....और बाकी सारी दुनिया में भी कम या ज्यादा ....किसी न किसी रूप में खेला ही जाता है .......और यकीन मानिए जब घुमरी परौते का वर्ल्ड कप होगा तो ये किरकेट का IPL फीका पड़ जाएगा .......क्योंकि जो audience value और entertainment value घुमरी परौते की है वो फुटबाल किरकिट की कहाँ ......हर आदमी को अपना बचपन याद आ जायेगा .........लोग गेम देखते देखते इमोशनल हो जायेंगे .......गाँव याद आ जायेगा .......कुछ तो बीअर पी के वहीं शुरू हो जायेंगे .........live telecast होगा.......जब कैमरा आसमान से arial shot लेगा....स्लो मोशन में मूत की एक एक धार दिखाएँगे .........देखिये कितना परफेक्ट सर्किल बनाया है इंडिया के खिलाड़ी ने ...अब देखते हैं south korea का खिलाड़ी इस रिकॉर्ड को तोड़ पाता है क्या ???? वाह कितना मज़ा आएगा ....... अब कबड्डी को ही ले लीजिये ......बमुश्किल पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों में ये सर्किल कबड्डी खेली जाती है ( जी हाँ ये उस नेशनल स्टाइल कबड्डी से अलग होती है ) .......जबकि हमारा घुमरी परौता तो UP बिहार की 10 करोड़ जनता का प्रिय खेल है ....जन जन का खेल है .......कबड्डी का वर्ल्ड कप हो सकता है तो घुमरी परौते का क्यों नहीं ........तो फिर पंजाब की बादल सरकार अगर कबड्डी का वर्ल्ड कप करा के वाह वाही लूट सकती है तो हम क्यों नहीं .........
कबड्डी का वर्ल्ड कप करा के अपने सुखबीर बादल जी खिलाड़ियों के मसीहा बन गए हैं ........सुनते हैं कि इसका कुल बजट पचासों करोड़ रूपये है .........कल अखबार में फोटो छपी थी ...य्य्ये मोटी मोटी तोंद ले के खिलाड़ी आये हुए हैं ........इंडिया और पाकिस्तान को छोड़ कर किसी टीम का कोई स्तर नहीं ........सारे matches one sided हो रहे हैं ....उस दिन नेपाल और ऑस्ट्रेलिया का मैच हो रहा था ...स्कोर था 21 - 1 .....सो आलोचना से बचने के लिए आयोजकों ने हाफ टाइम में हाथ पाँव जोड़े कि अरे भैया ....दूसरी टीम को भी एक आध अंक बना लेने दो यार .....मैच एकदम one sided हो रहा है .......पंजाब सरकार वाह वाही लूट रही हैं फर्जी वर्ल्ड कप करा के .......50 करोड़ खर्च दिए इस फर्जी आयोजन पे ........खेलों और खिलाड़ियों के मसीहा बन रहे हैं .....अखबारों में पूरे पूरे पेज के विज्ञापन छाप रहे हैं .........उधर उनके sports hostels और wings में बच्चे भूखे मर रहे हैं ......हॉस्टल में एक दिन की diet 120 रु है ....जब दूध 20 रु और दाल 24 रु किलो थी तब भी 120 रु ही थी ..आज दूध 36 रु और दाल 85 रु हो गयी ...पर diet अब भी 120 रु ही है .....उसमे भी ठेकेदार 30 -40 रु एक बच्चे पे कमाता भी है ........विंग में बच्चों के पास फुटबाल नहीं है .........सामान सब ख़तम हो गया है ........मैदान की घास कटे दो महीने हो गए ........कभी पंजाब पहलवानी कुश्ती का गढ़ होता था ....इस बार एक भी मेडल नहीं आया पंजाब का , national champion ship में .....देखते देखते sports पंजाब से ख़तम हो गयी ........रोम जल रहा है ....nero कबड्डी का वर्ल्ड कप करा रहा है ........जब मेरी सरकार आएगी उत्तर प्रदेश में , तो मैं भी घुमरी परौते का वर्ल्ड कप कराऊंगा
howsoever serious you sounded in the later part ,i still cant stop laughing.
ReplyDeleteit is one hell of a funny piece.
hahaha, ye to zulam hi dhaa diya aapne
ReplyDeletethanx arundhati and tarun ......आज मैं जो भी थोडा बहुत लिख पाता हूँ .......उसमे आप दोनों का सबसे बड़ा योगदान है .......जब मैं लिखना शुरू करने जा रहा था तो मैंने पूछा था की लिख तो मैं दूंगा , पर पढ़ेगा कौन .........आप दोनों ने और बाकी अन्य पाठकों ने जो उत्साह वर्धन किया ....उसके लिए दिल से धन्यवाद ...आप लोगों ने मुझे लेखक बना दिया .......आप को ये जान कर ख़ुशी होगी की ये मेरी 100 वीं पोस्ट है....देखते देखते , चंद दिनों में century हो गयी ....thanx ....dil se
ReplyDeleteajit
घुमरी परौता हमने तो नाम पहली बार सुना है, पर अब लगता है कि बेटे को सिखाना पडेगा :) हा-हा-हा
ReplyDeleteक्या पता आप की कोशिशें कामयाब हो जायें और इसे भी ओलम्पिक में शामिल कर लिया जाये। :)
हाँ हम पेंच कांटा जरुर खेलते थे, मूतते हुये :)
प्रणाम
और आप थोडा नहीं बहुत अच्छा लिख पाते हैं। आपकी हरेक पोस्ट पढी है। और आपके विचार आप हमसे साझा करते हैं इसके लिये धन्यवाद
ReplyDeleteहमतो चाहते हैं कि आप ऐसी 100 सेंचुरी बनाये
प्रणाम
thanx antar sohil ji thank you ....very much
ReplyDeleteGazab likhte ho Boss.....
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