twitter पे एक श्री मान जी दिखे ......वाह ....क्या नाम रखा है उन्होंने .......आप चूतिया हैं ......मैंने उन्हें तुरंत फॉलो कर लिया ....बिना कुछ सोचे समझे .....चूंकी हिन्दुस्तान में शुरू से ही बड़े बड़े महापुरुष हुए हैं जिन्होंने जनता जनार्दन को बड़े बड़े उपदेश दिए ......तत्व ज्ञान दिया ......आत्मा परमात्मा से भेंट मुलाक़ात करवा दी ....... समाज सुधार किये .... समाज में विपरीत धारा में तैरे .....बड़े बड़े विद्रोही भी हुए . पर समाज को एक नयी दिशा दे गए .......आज उन लोगों की गिनती महापुरुषों में होती है ......और जो लोग इन महापुरुषों के सानिध्य में रहे उनका भी जीवन सफल हो गया . इसलिए मैंने भी जिस क्षण इन्हें देखा twitter पे .......आप चूतिया हैं ....ये ब्रह्म वाक्य पढ़ कर ही मुझे यूँ लगा कि मेरे ज्ञान चक्षु खुल गए ....यूँ फील हुआ मानो कोई दिव्य ज्योति मेरे अन्दर प्रवेश कर गयी हो .......यूँ महसूस हुआ कि जैसे मैं एकदम हल्का हो गया हूँ ...और हवा में दो फुट ऊपर उठ गया हूँ ........मेरे आसपास एक सुगंध सी फ़ैल गयी है ....मेरे अन्दर से एक प्रकाश फूट रहा है .........और विश्व भर में फ़ैल रहा है ............सुनते है कि बुद्ध को भी वहाँ गया में यूँ ही बोध हुआ था किसी पेड़ के नीचे ....और उसी क्षण वो सिद्धार्थ से महात्मा बुद्ध बन गए और उस स्थान का नाम ही बोध गया पड़ गया ........
आप चूतिया हैं ........जिस दिन से ये गुरु मन्त्र मिला , मुझे लगा हाँ यार मैं तो वाकई चूतिया हूँ .........उस दिन अपने शहर बनारस को देखा .......मंद मंद फुहार पड़ रही थी .......सडकें टूटी हुई थीं .....चारों तरफ कीचड था ....सड़क के किनारे पड़े कूड़े के ढेर बजबजा रहे थे ......उनसे उठती दुर्गन्ध .......आ .....ह ......क्या अहसास था .....मुझे तुरंत अपना गुरु मन्त्र याद हो आया ......मैं चूतिया हूँ .......जो इस शहर में रह रहा हूँ .....शाम को टीवी पे अपने धरती पुत्र मुलायम सिंह जी फरमा रहे थे ....क्या किया है मोदी ने ? कुछ नहीं किया ......हाँ नितीश कुमार ने थोडा बहुत कुछ काम किया है .....कुछ सडकें वडकें बनवा दी हैं .....कुछ law and order सुधार दिया .........तुरंत मुझे अपने गुरु जी का मन्त्र याद आया .......कि मुलायम सिंह दरअसल हम UP वालों को बोल रहा है कि .........आप चूतिया हैं ........मोदी के चक्कर में मत पड़ो ....कुछ नहीं रखा चौबीस घंटे बिजली में ....अच्छी चौड़ी सड़कों में ......साफ़ सुथरे शहरों में .......12 % agriculture growth में ........यही पड़े रहो इस नर्क में .........इस कूड़े के ढेर में .......इन बजबजाती नालियों में ...... जहां बड़े शहरों में on an average बारह से सोलह घंटे बिजली आती है और गाँव में 6 घंटे ........यहीं गुजर बसर कर लो और हमें वोट देते रहो ......... जब मुलायम के राज में अमेठी ,राय बरेली ,इटावा और मैनपुरी में चौबीस घंटे बिजली आती है और बनारस शहर में बारह घंटे भी ठीक से नहीं आती तो दरसल मुलायम सिंह हम लोगों को ये मेसेज दे रहा होता है कि .......आप चूतिया हैं ....... जब नितीश कुमार ये कहता है की इशरत जहां हमारी बेटी थी ........या ये कि मोदी साम्प्रदायिक है .........तो समझ लीजिये , वो ये कह रहा है कि ऐ मुसलामानों ....आप चूतिया हैं .......
और शाम को प्राइम टाइम में जब बरखा दत्त , राजदीप , अर्नब , दीपक चौरसिया और आशुतोष जैसे लोग बहस चलाते है और बेशर्मी से कांग्रेस को defend करते हैं तो दरअसल वो हम दर्शकों से ये कह रहे होते हैं की हे दर्शकों ....आप चूतिया हैं .......रेणुका चौधरी सी आप कोई भी सवाल पूछ लीजिये ....उनका एक ही जवाब होता है .......आप चूतिया हैं ........आज के पंजाब केसरी अखबार के पहले पेज पर , जो कायदन मुखपृष्ठ होना चाहिए उसपे एक फुल पेज का विज्ञापन था .......फिर अन्दर से एक और मुखपृष्ठ निकला ........उसपे कुल जमा पंद्रह सेंटीमीटर 4 कालम खबर थी , बाकी सारा विज्ञापन था .......आखिरी के दो पेज पे नंगी फोटो और बॉलीवुड था और सोलह पेज कुल विज्ञापन था .........मैं फिर भी ढीठ आदमी ...मैंने सारा अखबार देखा .......कुल मिला के उसमे एक ही मेसेज था .........आप चूतिया हैं ........रुपया साठ के पार चला गया ....चिदम्बरम कहता है घबराने की कोई बात नहीं .........बात भी सही है .....हम तो चूतिया हैं ...और चूतिया लोगों को घबराना नहीं चाहिए .........सीबीआई ने बंसल को मुजरिम की जगह गवाह बना दिया चार सौ पेज की चार्ज शीट दाखिल की है ....... और उसमे आख़िरी लाइन में लिखा है की हे देशवासियों .....आप चूतिया हैं .......सलमान खान ने फिल्म बनायी ...ready , bodyguard , एक था टाइगर .......उनमे लास्ट में जहां the end लिखा आता है वहाँ लिखा था .........आप चूतिया हैं ........
इस गुरु मन्त्र से मुझे एक ज़बरदस्त फायदा हुआ है .......मुझे एक दिव्य दृष्टि मिल गयी है ....और अब जैसे ही कोई मुझे चूतिया बनाने की कोशिश करता है , मुझे तुरंत पता चल जाता है ......और अगर आपने मेरी ये पोस्ट पूरी पढ़ ली तो अंत में मैं यही कहूंगा ...........आप चूतिया हैं .....
अशोभनीय शीर्षक!
ReplyDeleteसई ऐ....पलम थत्त.... अपन तब तूतिया एं
ReplyDeleteसही कटाक्ष
ReplyDeleteसहमत जी
ReplyDeleteएक बचपन के मित्र हैं। उनसे विचार बहुत हद तक मेल खाते हैं। हर मुलाकात में उनकी बातों का अंत इसी शब्द से होता है कि "यार हम दोनों पैदाइशी चूतिया हैं" जो हृदय से जीता है, दिमाग के बजाय दिल से सोचता है। वो चूतिया ही तो है।
ReplyDeleteप्रणाम स्वीकार करें
हा.....हा......हा.........बहुत अच्छे......!!!
ReplyDeleteइस शीर्षक से हमारी भावनाएं बिलकुल भी आहत नहीं हुईं......
हाँ आखिरी में आपने जो सत्य के दर्शन कराए कि......"आत्मज्ञान" हो गया......!!!
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ReplyDeleteबहुत उम्दा
ReplyDeleteबहुत उम्दा
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