Tuesday, April 19, 2016

सुषमा स्वराज की Fancy Dress ...........

आज से कोई साल भर पहले किसी कार्यक्रम में NSA अजीत डोभाल जी ने कहा था कि यदि पाकिस्तान ने फिर कभी 26 / 11 जैसे मुम्बई हमले का दुस्साहस किया तो वो बलूचिस्तान से हाथ धो बैठेगा । 
दो महीने पहले पाकिस्तान के 6 आतंकी पठानकोट airbase में घुस आये ।
भारत का अफज़ल gang twitter और फेसबुक पे सक्रिय हुआ और लगा मोदी सरकार का मज़ाक उड़ाने । क्यों  .......... कर दिया बलूचिस्तान अलग ?
प्रश्न उठता है कि क्या वाकई भारत बलूचिस्तान में ऐसा कोई operation कर सकता है जैसा कि उसने 1971 में तब के East Pakistan में कर के बांग्लादेश को आज़ाद कराया था ?
किसी पडोसी देश में ऐसा कोई विद्रोह रचने के लिए क्या क्या तैयारी करनी पड़ती है ?
उस इलाके में ऐसा Operation करने के लिए क्या क्या परिस्थिति होनी चाहिए ।
आइये इसका विश्लेषण करते हैं ।
किसी देश में कोई पडोसी देश कैसे विद्रोह करा सकता है ।
1) व्यापक जनाक्रोश : स्वतन्त्रता प्राप्ति की प्रबल जनेच्छा ........ उस इलाके की जनता में अपनी मातृभूमि को आज़ाद कराने की प्रबल जन इच्छा होनी चाहिए । सरकार के खिलाफ असंतोष और नाराज़गी होनी चाहिए । और तन मन धन से अपना बलिदान दे कर भी आज़ादी प्राप्त करने की लालसा होनी चाहिए । ये आदर्श परिस्थितियाँ बलूचिस्तान में खूब हैं । बलूच पाकिस्तान से नफरत करते हैं और उनसे आज़ादी चाहते हैं । इसके लिए वो कोई भी क़ुरबानी देने को तैयार हैं ।

2) विद्रोही जनता का सशस्त्र होना और सेना से गुरिल्ला युद्ध लड़ने की ट्रेनिंग ......... इसमें अभी बलूच विद्रोही कमज़ोर हैं । उनमे लड़ने की इच्छा शक्ति तो है पर हथियार और ट्रेनिंग नहीं है । सवाल है कि बलूच विद्रोहियों को ये हथियार और ट्रेनिंग कौन देगा ? देना भारत को है पर दे सकता है अफगानिस्तान । बलूचिस्तान की सीमाएं अफगानिस्तान और ईरान से लगती हैं ।  भारत की कोई सीमा बलूचिस्तान से नहीं लगती । इसलिए भारत के लिए वहाँ सीधे घुसपैठ संभव नहीं है । वहाँ हथियार घुसाने का रास्ता ईरान और अफगानिस्तान से हो के जाता है । Military Science कहती है कि बलूचिस्तान में सशस्त्र विद्रोह कराने के लिए भारत को कम से कम 5 लाख बलूच विद्रोहियों को सशस्त्र करना होगा ।
3) बलूचिस्तान में किसी किस्म का कोई Military Operation कराने के लिए भारत सीधे सीधे अपनी सेना नहीं उतार सकता । उसे इसे वहाँ की स्थानीय जनता के अपनी आततायी सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के रूप में प्रस्तुत करना होगा ......... परंतु कोई एक सेना तो वहाँ बलूच विद्रोहियों के साथ लड़ेगी ही । वो होगी अफगानिस्तान की सेना ।
Scene कुछ ऐसा बनेगा ।
बलूच विद्रोह कर देंगे । स्थानीय जनता सरकार के खिलाफ हथियार उठा लेगी । जब देश की जनता अपनी ही सेना के खिलाफ हथियार उठा ले तो युद्ध बड़ा मुश्किल हो जाता है । तब उधर से अफगान सेना चढ़ बैठेगी । ठीक वहीं परिदृश्य होगा जो 1971 में बांग्लादेश में था ।

यक्ष प्रश्न : आखिर भारत इतनी बड़ी मात्रा में हथियार गोला बारूद बलूच विद्रोहियों तक कैसे पहुंचाए । इसका रास्ता कल सुषमा स्वराज ने भारत ईरान अफगानिस्तान के साथ Chabahar Port त्रिपक्षीय समझौता कर खोल दिया है । यूँ तो यह एक व्यापारिक समझौता है पर इसका बहुत बड़ा सामरिक महत्त्व है । इस port के रास्ते भारत व्यापारी के भेस में ईरान अफगानिस्तान के रास्ते सीधे बलूचिस्तान में घुस सकता है ।
चीन और पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के Gawadar Port में बड़ा भारी investment किया है । इस से वो न सिर्फ बलूचिस्तान की प्राकृतिक सम्पदा का दोहन करेगा बल्कि middle East के पूरे Energy Route अर्थात तेल के व्यवसाय और परिवहन के क्षेत्र में बढ़त बना लेगा ।
Chabahar Port समझौता इस पूरी परिस्थिति को पलट देता है । भारत इस रास्ते बलूच विद्रोहियों को सशस्त्र कर Gawadar Economic Corridor को व्यापार के लिए असुरक्षित कर देगा । युद्ध भूमि में व्यापार नहीं होता । भारत अफगानिस्तान की planning बलूचिस्तान और Gawadar को युद्धभूमि में तब्दील कर देने की है ।

भारत के अफज़ल गैंग को समझ लेना चाहिए कि पिछले Sunday को Iran में कोई Fancy Dress Competition नहीं था । Afzal गैंग को सुषमा स्वराज की fancy dress पे नहीं बल्कि उस fancy dress को पहन के सुषमा स्वराज ने क्या काम किया इसपे ध्यान देना चाहिए ।

13 comments:

  1. Secular gang is losing its ground step by step but never ready to surrender.

    ReplyDelete
  2. आपके मुंह में घी शक्कर

    ReplyDelete
  3. आपके मुंह में घी शक्कर

    ReplyDelete
  4. kuch na kuch to ho rahelaa hai Chabahaar ke chakkar main... zaroori bhi hai.... Khela Balochistan ke liye bhi hai aur Gwadar ko fail karne bhi hai.....zaroori hai!! Pakistan se seedhe yuddh karne ka koi matlab nahi hai... Pakiyon ka kashmir khela safal nahi hoga magar Dobhal uncle ka khela zaroor safal hoga.......... zaroori hai bhai

    ReplyDelete
  5. जो भी खिचड़ी पक रही हो ,स्वादिष्ट होनी चाहिए । आशा है आपका आकलन सच साबित होगा।

    ReplyDelete
  6. Sir, it is not good to disturb any country and also not to disclose publically as done by Sh. Ajit Dobhal. This gets chance to Pakistan to propoganda against India.

    ReplyDelete
  7. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (20 -04-2016) को "सूखा लोगों द्वारा ही पैदा किया गया?" (चर्चा अंक-2318) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  8. वाह एक ही शब्द काफी है इस आकलन के लिये, आमीन।

    ReplyDelete