Wednesday, June 8, 2011

एक नवजात शिशु चाहिए ...भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए

आज़ाद भारत के मेरे प्यारे दोस्तों ......कल देर शाम दिल्ली से हरिद्वार पहुंचा .......दायें हाथ की दो उंगलियों में fracture है ......सूजन अब कम हो गयी है ....पर अपन ने भी सोच लिया है .....प्लास्टर नहीं लगवाऊंगा .....ज़रा सा भी हाथ इधर उधर लग जाता है तो दर्द होता है .......और वो ये याद दिलाता है की अपने बेहद इमानदार प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और त्याग की प्रतिमूर्ति सोनिया जी की तरफ से तोहफा है ....जो उस रात 4 बजे मिला जब हम रामलीला मैदान से खदेड़े जाने के बाद अपना आक्रोश प्रकट करने जंतर मंतर जा रहे थे .....हम ये कहना चाहते थे की इस देश में लूट और भ्रष्टाचार के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से आवाज़ उठाना हमारा संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार है ........आज सुना है की केंद्र सरकार ने जंतर मंतर पर धारा 144 लगा कर अन्ना को वहां उपवास और आक्रोश प्रदर्शन से रोक दिया है ........दोस्तों फिर कह रहा हूँ ...ये हमारा मूल अधिकार है ......शांतिपूर्वक विरोध प्रकट करने का ...और इसे धारा 144 लगा कर नहीं रोका जा सकता ......ये असंवैधानिक है ...लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है ........सरकार कहती है की बाबा लोकतंत्र को कमज़ोर कर रहा है .......जिस देश में विरोधियों का मुह इस तरह लाठियों से और धारा 144 से बंद किया जाए वहां लोकतंत्र की farewell party की तैयारी कर लेनी चाहिए .........1975 ......का इतिहास दोहराया जा रहा है .....तब भी मैंने सुना है कि सारी गिरफ्तारियां रात में ही होती थीं .....सबको जेल में ठूंस दिया था ...प्रेस का गला घोट दिया था ..........ओह याद आया प्रेस का गला तो आज भी घोटा जा रहा है ......हाँ तरीका कुछ अलग है ...आप लोगों ने अगर ध्यान दिया हो तो कल से news chanells पे mid day meals के सरकारी विज्ञापन आने शुरू हो गए हैं ....कुत्तों को हड्डी दाल दी है सरकार ने ......जैसे बोल रही हो कि ...अबे क्या भोंक रहा है ...ये ले हड्डी चूस ......और अब जरा राम देव की तरफ मुह कर के भोंक ......
दूसरी तरफ सरकार ने बाबा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है ........ED ,income tax , DRI ......सारे घोड़े खोल दिए हैं ....कहा है कि सारे कागज़ खंगालो ....कहीं तो फंसेगा ......कुछ भी निकालो ......नंगा कर के तालाशी लो ...कुछ तो निकलेगा .....फिर कहंगे ...अरे ये तो खुद चोर है ...ये हमारे ऊपर क्या भोंक रहा है .......दूसरा बाबा तो नेपाली है .......ये नेपाली हमें कैसे चोर कह गया .....अगर बाल कृष्ण जी नेपाली हैं तो मेरी नज़रों में उनका सम्मान और बढ़ गया आज ........कि एक नेपाली हो के भी इतने निष्काम भाव से भारत मां के बच्चों की सेवा कर रहा है ये आदमी ....अरे तुम डाकुओं से तो अच्छा है ......
बाबा ने आज घोषणा कर दी है कि कभी कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे....कोई राजनैतिक पद ग्रहण नहीं करेंगे ........हमारा कोई राजनैतिक या साम्प्रदायिक agenda नहीं है ....कोई छिपा हुआ agenda नहीं है ....हमारी लड़ाई सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए है ........काले धन और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में जो भी हमारा साथ देगा हम उसका साथ देंगे ....कोई भी ......और आज की press conference की शुरुआत की ....सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं .........इस गाने से ....बाबा ने बगावत कर दी है ...इस सड़ी गली व्यवस्था के खिलाफ ......
उधर सरकार ने भी ठान लिया है ...कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ इस मुहिम को कुचल देगी ........बाबा को चोर ठग बना के .... बाल कृष्ण जी को नेपाली बना के ....पासपोर्ट एक्ट में ....आर्म्स एक्ट में ...चाहे जैसे ....जो भी सर उठाएगा ...कुचल दिया जाएगा .......अब तो इस सरकार के खिलाफ वही बोल सकता है जो खुद एकदम दूध का धुला हो ...एक दम सच्चा सुच्चा ...पवित्र ............ऐसे तो बच्चे ही हो सकते है ...सिर्फ नवजात शिशु ही इतना पवित्र होता है .........

7 comments:

  1. बालकृष्ण का जन्म तो भारत में ही हुआ है. पर ये इटली की नागिन तो प्रधानमंत्री तक को नचा रही है.

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  2. सच्चाइ कभी छुपी नही रह सकती न सरकार की और न सरकार को उखाडने वालों की। एक नेपाली 10 साल मे भारत के लोगों को कितनी सफाई से लूट रहा है इससे भी आँखें बन्द नही की जा सकती तो क्या बाबा को किसी स्वदेशी पर भरोसा नही था/ असली सूरत सामने आ गयी आज हथियारबन्द सेना बनाने का एलान भी हो गया। हम तो अभी पंजाब मे उन अपनो को नही भूले जो पंजाब के हथियारबन्द उग्र्वादियों के हाथों मारे गये उनका कोई अब हाल नही पूछता और एक उग्र्वादी को फाँसी से बचाने के लिये यू एन ओ तक जाने मे हिन्दु पार्टी तैयार है। दोहरी मानसिकता कब तक चलेगी? कितना भला करेगी? नरिन्द्र मोदी ने क्या कमी रखी अपने खिलाफ बोलने वालों के लिये? इसका मतलव तो ये हुया कि मै ही सच्चा बाकी सब झूठ असल मे इस मै और स्त्ता के सुख ने सब की आँखों पर पट्टी बान्ध रखी है, भले सरकार हो या वोरोधी। हर आदमी यही चाहता है कि जो मै कह रहा हूँ वही सच ह जब कि सच कुछ और होता है। क्या अब इतालियन के मुकावले मे नेपाली के हाथ मे रिमोत कन्ट्रोल रहेगा? फिर स्वदेशी का नारा क्यों/ हम तो तब तक बाबा के साथ थे जब तक वो सन्यासी की तरह थे जब सियासतदान बन गये हैं तो किसी के साथ नही ना सन्यासी न सियास्त न सरकार्\

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  3. उस औरत का क्या होगा जो वो बच्चा देगी
    क्या ऐसा होगा के वो बच्चा दे!

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  4. भाई इलाज करवा लो
    सब दुकान चला रहे है
    ११०० करोड़ की दुकान है
    मार्केटिंग करने के लिए योग है
    हर चीज़ के शेल्फ लाइफ होती है
    इन की भी है
    इलाज करवा लो - वोह ज्यादा जरूरी है

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  5. इलाज कराइए भाई! बेईमानों से लड़ने के लिए स्वस्थ रहना ज़रूरी है. यह सरकारी आतंक का कालिया नाग है. इसके फन को सत्याग्रह के मन्त्र से कुचलना है तो स्वस्थ रहना होगा. उन्होंने बर्बरता का उपहार दिया तो उन्हें शांति से सत्ता के बाहर का रास्ता दिखाकर बताना देना है कि यह देश तुम्हारे बाप का नहीं 121 करोड़ जनता का है.
    ---देवेंद्र गौतम

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  6. कृपया भ्रष्टाचार के इस रोग के इलाज पर मार्गदर्शन करें.

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