Saturday, September 17, 2011

सब भगवान् भरोसे है .......

कमबख्त नन्ही सी जान पे इतनी मुसीबतें .......कल जब लिखने बैठा था तो सोच के तो कुछ और चला था ....शुरू भी किया ,पर आधे रास्ते में जा के हवा निकल गयी ....बड़ी सफाई से बात बदल दी .....फिर मन में सोचा ....क्यों बेटा डर गए .......फिर हिम्मत जुटाई और सुबह से ही पिल पड़े ....लिख भी डाला .....पर ना जाने कैसे सब उड़ गया .........बड़ा दुःख हुआ ....सोचा, छोडो .....अल्लाह मियां की मर्ज़ी नहीं है की लोग इसे पढ़ें ........पर मन नहीं माना सो फिर लिखने बैठ गया हूँ .....सोच लिया है लिखूंगा ज़रूर ...........तो कल की पोस्ट में लिखा था कि है कोई माई का लाल जो रोक ले आतंकवाद ......कोई मिटा सकता है इसे जड़ से ?????? दरअसल किसी चीज़ को जड़ से मिटाने के लिए जड़ पर प्रहार करना पड़ता है .........सो पहले इस्लामिक आतंकवाद की जड़ ढूंढो ........पर यही तो समस्या है ....जो चीज़ सामने पड़ी है ....उसे क्या ढूँढें ? हमारे सामने पूरा पेड़ खड़ा है ....ये मोटा तना है उसका .....ये मोटी मोटी डालियाँ हैं ..........खूब फल फूल रहा है .......अब उसे ख़तम करना है ....और हम लोग हैं की पत्ते छांट रहे हैं .....हो चुका ख़तम .......पवित्र किताब है ......मैंने पढ़ी है ....बीसों बार ....और ऐसे नहीं जैसे मदरसे में लड़के पढ़ते हैं ....हिल हिल के ....अरबी में .......हिंदी edition पढ़ा है ....एक एक शब्द ...एक एक अक्षर पढ़ा है .......एक एक आयत को समझा है .......जो समझ आयी उसे जानकारों से समझा .....मुल्ला मौलवियों से पूछा .......सो जो समझ आया वो ये की भैया .........सब लोग ईमान ले आओ .......यानी मुसलमान बन जाओ ......फिर बाकी सबको बनाओ ......प्यार से समझाओ .....डराओ धमकाओ .......मार पीट के बनाओ ......फिर भी माने तो काट दो .......तुम्हारा जन्म ये परिवार पालने ,काम धंधा ,बिजनेस करने के लिए नहीं हुआ है ......ये तुम्हारा असली जीवन नहीं .....इस जीवन में तो तुम्हे धर्म ( दीन ) की सेवा करनी है .....जिहाद करना है, काफिरों को या तो मुसलमान बनाना है या फिर उनसे लड़ते हुए , मरते मारते शहीद हो जाना है .....इस तरह तुम जन्नत में जाओगे ..........वहां मीठे पानी की नहरें बह रही हैं ....सब सुख सुविधायें हैं ....तुम्हारी सेवा के लिए हूर परियां इंतज़ार कर रही हैं .....ये है फलसफा .
अब साहब ऐसे 400 करोड़ लोग हैं धरती पे जो ईमान नहीं रखते ......ये सारे इसाई ,यहूदी ,हिन्दू , सिख ,बौद्ध ,जैन और सारे अन्य धर्मावलम्बी ....ये सब काफिर हैं ....इन सबको मुसलमान बनाना है ....नन्ही सी जान और इतना बड़ा काम ..........ऊपर से बेचारे मुसलमान को बचपन से समझाया गया है की जो किताब में लिखा वही ध्रुव सत्य ......पैगम्बर साहब का जीवन ही आदर्श जीवन और अनुकरणीय ........अब बेचारा करे तो क्या करे ........बीवी बच्चे पाले ...काम धंदा करे ., नून तेल लकड़ी का जुगाड़ करे या फिर बम बाँध के घूमता फिरे .......कुल 200 करोड़ हैं पूरी दुनिया में .....बेचारे जी खा रहे हैं ........पर दिक्कत तब जाती है जब ये fundoos ....यानि की fundamentalists जाते हैं .........हज़ारों नहीं लाखों मदरसे हैं ....करोड़ों बच्चे और युवा पढ़ते हैं इनमे .......ज़्यादातर में सिर्फ दीनी तालीम होती है यानी सिर्फ धर्म शिक्षा .........अब उसमे क्या पढ़ा रहे हैं कौन जाने .......पढ़ाते पढ़ाते क्या पढ़ा डालें कौन जाने ..........पर दिक्कत सिर्फ यहाँ तक नहीं है .........पिछले 10 -20 साल में तो डाक्टर इंजिनियर लोग जिहादी बने हैं ...वो कौन से मदरसे में पढ़े थे ........तो ये fundoo किसको क्या पढ़ा डालें ,अल्लाह जाने ........सारी दुनिया की ख़ुफ़िया एजेंसियां ये देख के परेशान है की इधर आधुनिक शिक्षा प्राप्त लोग ज्यादा आतंकवादी बने हैं ..........कर लो , क्या करोगे .......क्या जाने कौन कब ज़न्नत के चक्कर में बम बाँध ले ............
धर्म ग्रन्थ तो हमारे धर्म में भी है .......एक नहीं सैकड़ों हैं ......... घर में भी है ....बड़ी अच्छी किताब है , पर हम उसे seriously नहीं लेते ....घर का कोई बच्चा ज्यादा पढने लगे तो हम यही कहते हैं कि भाई मेरे ....course की किताब पढ़ ले .......अबे कल तेरा पेपर है .....पढ़ ले बेटा ...पास हो जाएगा .......कुछ नहीं रखा इस धर्म करम में .....और हमारा धर्म हमें इसकी आजादी देता है .....कोई पंडित या मठ - मंदिर हमें कुछ कह के तो देखे ....हम तुरंत उसका collar पकड़ लेंगे ...........तू है कौन बे......... जा नहीं पढ़ते तेरी किताब ....नहीं मानते तेरे भगवान् को .........नहीं पूजते तेरी मूर्ती .......पर बेचारा मुसलमान ......इतनी हिमाकत कर नहीं सकता ........मुल्ला जी का पूरा नियंत्रण है उसकी सोच पे ........वह किसी चीज़ पे प्रश्न चिन्ह लगा ही नहीं सकता .......बोलना तो दूर की बात सोच भी नहीं सकता .........अब बताओ कौन सी सरकार क्या करेगी .........उत्तर प्रदेश में पिछले 5 साल में नेपाल की सीमा पर 25000 से ज्यादा मदरसे खुले हैं .....बिना किसी सरकारी permission के ....किसी का कोई नियंत्रण नहीं ....साउदी अरब से petro dollar आता है ....मदरसा खुल जाता है ........कौन जानता है क्या पढ़ा रहे हैं ......किसे पढ़ा रहे हैं ........नियंत्रण करना तो दूर की बात है ,एक शब्द बोल के तो देखो ....आसमान टूट पड़ेगा .......तीस्ता सेतलवाड और अरुंधती राय अपने कपडे फाड़ लेंगी .......सातवें आसमान पे चिल्लेयेंगे ये न्यूज़ चैनल ......देखो बेचारे मुसलमान को परेशान कर रही है ये सरकार ...........बेचारे को चैन से नमाज़ भी नहीं पढने दे रही .........अब आप अमेरिका में इस तरह से मदरसा खोल के दिखाओ ........वहां घुसने से पहले नंगा कर के तलाशी लेते हैं ....फिर चाहे सामने शाहरूख खान हों या APJ अब्दुल कलाम .....किसी को नहीं पहचानते ...किसी को नहीं छोड़ते .........यहाँ रोज़ बम फूट रहे हैं ......ले के दिखाओ तलाशी .....राजनीतिक दल और नेता मुसलमान को एक मिनट में समझा लेते हैं की देख तेरा शोषण हो रहा है .....तुझे तो B ग्रेड का नागरिक बना दिया है और वो तुरंत समझ जाता है .......60 -65 साल हो गए .......उस बेचारे को lollypop दे रहे हैं .......भूख से रोता है तो सरकार कहती है ....इसे एक lollypop दो .......वो उसे चूसने लगता है .....देखो चुप हो गया न .....वो बेचारा थोड़ी देर बाद फिर रोने लगता है ........इसे एक lollypop और दो .......कभी धर्म का lollypop ....कभी राजनीती का lollypop ....... . कभी नेता दे रहे हैं कभी कठमुल्ले ........कठमुल्ला कहता है की कुछ दिन की बात है बेटा .....भूख प्यास सब बर्दाश्त कर ले ........यार वहां ज़न्नत में मौज करना .......सबके लिए मुसलमान कोई इंसान न हो कर सिर्फ एक हथियार है .......कभी जिहाद करने का ...कभी वोट का .......ऐसे में कौन कब बम बाँध के घूमने लगेगा कौन जाने .
अमेरिका के सामने ऐसी कोई समस्या नहीं है ......उसे न मुसलमान का वोट लेना है न उसकी नाराजगी की परवाह है उसे ..........कठमुल्लों पर उसने सख्ती से डंडा रखा हुआ है ............इसलिए तात्कालिक तौर पे उसने आतंकवाद पे लगाम लगा रखी है .........आतंकवाद की डालियाँ काट दी है उसने अमेरिका में .......पर जड़ तो सलामत है भाई .........हमारे यहाँ तो हम एक पत्ता तक नहीं तोड़ पाए हैं .......हमारे घर का सामजिक और राजनैतिक ढांचा ऐसा है की हम कुछ कर ही नहीं सकते ......सब अल्लाह मियां के भरोसे है ........

3 comments:

  1. यह कठमुल्लापन कहाँ नहीं है ? क्या सारे मुसलमान कट्टरपंथी और आतकवादी हैं ? महात्मा गांधी , इंदिरा गांधी , राजीव गांधी के हत्यारे मुसलमान थे ? वे रास्ट्रवादी थे या आतंकवादी ? एक उंगली दूसरो की तरफ उठाने से पहले ये देख लें की चार किसकी और इशारा कर रही हैं |

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  2. amarnaath madhur ji..itna to aap bhi manenge na ki muslim samudaya me auron ki apeksha jyada hai...puri duniya me aur kisi dharm ke oopar itne saval nahin hai..jitna islaam dharmavalmbiyon par..Kyon..? America, UK, Australia, Canada, India..Pakistan..,Afganistan.., Sauidi Arab.., Iran.., Iraq.......kahan tak ginayen har jagah..Ye islam dharmavalmbiyon ko sochna hoga ki vo kya ilaj karenge is samasya ka...stri shiksha, freedom of expression..prejudice..discrimination...kya. kya aur kahan tak ginayen aapko..MERA MAN NA HAI KI AAJ KE YUG ME KATTARVAAD AUR AATAKVAAD KE PUNARJANM KI SHURUAAT ISLAMIK KATTAR PANTH AUR AATANKVAAD SE HUI HAI...

    RAKEHS TIWARI
    PUBLISHER/CEO
    HINDI TIMES MEDIA GROUP

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