Saturday, July 21, 2012

गुवाहाटी से मानेसर तक ....बंटाधार

                                            पिछले पखवाड़े देश में ऐसी दो घटनाएं हुई हैं जिन्होंने एक आम हिन्दुस्तानी को शर्मसार कर दिया है ....पहली घटना गुवाहाटी की  है जहां 30 -40 गुंडे सरेआम एक लड़की पे टूट पड़ते हैं ....और ये दुस्साहसिक तमाशा पूरे 40 मिनट तक चलता रहता है ......सैकड़ों लोग तमाशा देखते रहते हैं ......या बस यूँ ही बगल से गुज़र जाते हैं .....या फिर अपने मोबाइल फोन्स पर उस मजेदार नाटक को शूट करने लगते हैं जिससे वो उसे facebook और you tube पर अपलोड कर सकें . इसमें सबसे ज्यादा चिंता जनक प्रश्न  ये है की उन गुंडों का दुस्साहस किस हद तक बढ़ा हुआ था और तमाशबीनों का ज़मीर और पौरुष किस हद तक मरा हुआ  था ........दूसरी घटना गुडगाँव के नज़दीक मानेसर की है जहां देश की सबसे प्रतिष्ठित और सफलतम आटोमोबाइल कम्पनी के मजदूरों ने अपनी कम्पनी के अधिकारियों को सुनियोजित ढंग से दौड़ा दौड़ा के मारा ........हाथ पैर तोड़ दिए .....जिंदा जला दिया और अपने  उस प्लांट  को आग लगा दी , जहां से उनके परिवार का चूल्हा जलता है ........... नतीजतन प्लांट पिछले 5 दिन से बंद है , उत्पादन ठप्प है , कम्पनी को प्रतिदिन 60 करोड़ का घाटा हो रहा है , कम्पनी के शयेर 9 % गिर गए हैं और पूरे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा धूल धूसरित हो रही है .  गुवाहाटी की घटना से पता चलता है की शहर का गुंडा तत्व इस हद तक बेख़ौफ़ और बेलगाम हो गया  था की उसे प्रशासन , पुलिस और कानून का कोई भय ही नहीं रह गया था ...........बनारस के मशहूर लोक कवि श्री कृष्ण तिवारी की पंक्तियाँ है ............
भीलों ने लूट लिए बन ,
राजा को खबर तक नहीं .........
रानी हुई बदचलन ,
राजा को खबर तक नहीं ........
                                               हमारे कसबे में एक कोतवाल हुआ करता था . मनचले लड़कों को दौड़ा दौड़ा के पीटता था , फिर उठा के हवालात में बंद कर देता था . उसके बाद उसके बाप और चाचा ताऊ सबको थाने बुलवा कर सरे आम बेईज्ज़त करता था ......... ज़रुरत पड़ने पे 2 -4 हाथ लगा भी देता था . 15 दिन के अन्दर पूरे इलाके में उसका इतना खौफ हो गया की सब लोग शुद्ध हो गए .यूँ आज का मीडिया तो इस बात पे आसमान सर पे उठा लेगा ....मानवाधिकारों की दुहाई देने लगेगा ............ बात 1990 की  है .  उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह नए नए मुख्य मंत्री बने थे . पूर्व वर्ती मुख्य मंत्री मुलायम सिंह ने प्रदेश का वो हाल बना रखा था जो लालू ने बिहार का बनाया था .गुंडे माफिया parallel government चलाते थे .  कल्याण सिंह ने आते ही सबसे पहला काम जो किया वो कानून व्यवस्था को सुधारा .........डंडे से .......लात जूते से ....... और देखते ही देखते गुंडे ऐसे गायब हुए की कई साल दिखाए न दिए .फिर उसके बाद पुनः माया और मुलायम , अखिलेश ने ऐसा भट्ठा बिठाया की अब भगवान् ही मालिक है . कहने का तात्पर्य ये है की अगर पोलिटिकल लीडरशिप में इच्छा शक्ति हो तो सबको 3 दिन में सुधार सकती है .या फिर तीन दिन में ही बेडा गर्क कर सकती है
  अब  बात मारुती सुजुकी के  मानेसर प्लांट की ......तो वहाँ पिछले कई साल से मजदूरों और मैनेजमेंट में टकराव चल रहा है ........... पूर्व में कई बार हड़ताल और ताले बंदी हो चुकी है ........पर इससे न तो कम्पनी प्रबंधन ने कोई सबक सीखा और न ही सरकार ने ..........शताब्दियों पुराने श्रम कानून  अभी तक चल रहे हैं .........समय रहते उनमे सुधार नहीं लाया गया .............पूरा उद्योग जगत त्रस्त है .......अब आज जब सब कुछ दाव पे लग गया है तो सरकार के होश उड़े हुए हैं ........... पूरे विश्व में उद्योग जगत ये सोच रहा है की क्या वाकई भारत निवेश  करने योग्य सुरक्षित जगह है  ??????  कल को कौन उठ के आपकी मिल में आग लगा देगा कौन जाने ........और जब पूछोगे के भैया क्यों आग लगा दी ......तो जवाब मिलेगा की supervisor ने हमको जाती सूचक गाली दिया था ..........अब बेचारे , मारुती के  CEO Shinzo Nakanishi सर पे हाथ रख के ये सोच रहे होंगे की ये कमबख्त जातिवाद क्या होता है और इसका SWIFT कार से क्या सम्बन्ध है .........और अब वो दिन भी दूर नहीं है जब माया , मुलायम ,लालू ,पासवान और नितीश भी इसमें जातिवाद का एंगल  घुसा के बयान बाजी  शुरू कर दें .........की ये मारुती सुजुकी तो दलित विरोधी है .........
                                           उसपे आज एक नयी खबर ये आयी है की अपने ............ महा साम्प्रदायिक........... मुस्लिम भक्षक ........... मुख्य मंत्री ए गुजरात ........... वहाँ जापान पहुँच गए हैं ........सुनते हैं की वहाँ सुजुकी के प्रबंधन से मिल के ये समझायेंगे की ............कहाँ पड़े हो हरियाणा में .....जूते खा रहे हो ........अमां यार गुजरात आ जाओ ..........इधर TV पे बस दिग्विजय सिंह प्रकट होने ही वाले हैं .......... ये RSS की साज़िश है .....इस हिंसा के पीछे मोदी का हाथ है ... ......मनमोहन सिंह और हुड्डा को बदनाम करने की साज़िश है .........मारुती के GM को मारने वाले गुंडे तो बाबा रामदेव ने सप्लाई किए थे .........साज़िश वहाँ हरिद्वार में बनी थी ...........जल्दी ही सोनिया जी , राहुल बाबा और प्रियंका जी के बच्चे कोई हल निकालेंगे ...........दरअसल हमारे मुल्क में गंभीर समस्याओं को हल करने के यही तरीके अपनाए जाते हैं .........रोम जल रहा है .....मनमोहन सिंह बांसुरी बजा रहे हैं .
इन दोनों घटनाओं ने एक प्रश्न ये खड़ा किया है की क्या हमारे राष्ट्रीय चरित्र  में कोई खोट आ गया है .......और इस चारित्रिक गिरावट के लिए आखिर कौन जिम्मेवार है ...........क्या हमारे देश की political और social leadership अपनी जिम्मेवारियों का वहन सही ढंग से कर रहे हैं ..........देश के नेता और परिवारों में बुज़ुर्ग क्या बच्चों को सही संस्कार दे पा रहे हैं ??????  क्या हमारे institutions हमारी उम्मीदों पे खरे उतर रहे हैं .........एक संस्था के रूप में इस चारित्रिक पतन के लिए मीडिया कितना दोषी है  ????????? क्या हमारा education system देश में अच्छे नागरिक तैयार कर पा रहा है ????????  एक संस्था के रूप में न्याय पालिका का कोई सम्मान या डर समाज   में है  ????????  क्या हमारे देश में कोई कार्य संस्कृति ( work culture ) नाम की  चीज़ है ??????

देश सवाल पूछ रहा है .....हमें जवाब चाहिए ......



4 comments:

  1. कल्याण सिंह वाला उदाहरण बहुत नजदीक से देखा है, एकदम सच कहा आपने कि असली बात इच्छाशक्ति की है| इसी सन्दर्भ में एक और बात याद दिला दूं कि यूपी के एक मोस्ट वांटेड को कल्याण सिंह की ह्त्या के लिए सुपारी मिली है, अखबारों में ये खबर भी छपी थी और कल्याण सिंह की प्रतिक्रया भी| कई साल से फरार वो मोस्ट वांटेड शायद अगले दिन ही पुलिस एनकाऊंटर में मार दिया गया था, निहितार्थ समझे जा सकते हैं|

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  2. असामाजिक तत्वों को बचाने की मुहीम तो उसी समय से चालू हो जाती है जब वो किसी घृणित घटना को अंजाम देता है. पुलिस उसी समय मोल-भाव शुरू कर देती है,वकील सलाह देना, जज बारगेन करना. थोडा कम पैसे वाला हुआ तो जेल भेज दिया जाता है ताकि उसकी प्रतिभा और मुखर होकर समाज के सामने आये. पैसेवाला हुआ तो सभ्य समाज स्वंय उसकी ट्रेनिंग चालू कर देता है..."अरे यार ये सब कम करना हो तो ऐसे करो" "वैसे करो" "पुलिस के हाथ ना लगो" "विदेश भाग जाओ".....
    चलिए मिल के भगवद-भजन करते है देश के सुधार के लिए..वैसे भी लड़ना तो हमें कभी आया ही नहीं.

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  3. हमें जवाब चाहिए ......

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  4. अंधी बहरी सरकार किसी को जबाब नही दे सकती

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