यहाँ पटियाला में एक नया बवाल शुरू हो गया है ......एक लड़की के साथ महीना भर पहले तथा कथित गैंग रेप हो गया था .........पिछले हफ्ते उसने आत्म ह्त्या कर ली .........दिल्ली के बवाल देख के पंजाब की डरी हुई सरकार ने तुरंत कार्यवाही करते हुए चौकी इंचार्ज को डिसमिस कर दिया , SHO को ससपेंड कर दिया ........ एक उच्च स्तरीय जांच कमीशन बैठा दिया है .......तथा कथित रेपिस्ट और उनकी एक रिश्तेदार औरत जेल में बंद हैं .........लड़की की बहन गुलशन कौर ने मांग की है कि बलात्कारियों को फांसी पे लटकाओ ........
अब लीजिये अन्दर की स्टोरी सुन लीजिये .......लड़की का अफेयर लड़के ( मुख्य अभियुक्त ) के साथ लम्बे समय से चल रहा था .......एक शाम वो नज़दीक के ही एक tube well पे उस से मिलने चली गयी ....... गावों में ऐसे tube well ही एकमात्र सुरक्षित स्थान होते हैं जहां प्रेमी युगल मिल सकते है .....ये एक आम बात है .......लड़की ने गलती ये कर दी कि आज उसने ज़रा ज्यादा टाइम लगा दिया .......घर वाले ढूँढने लग गए .......लड़की 9 बजे घर आयी .......अब उसने अपने घर वालों को जो भी बताया हो ........ घर वालों ने शोर मचाया कि रेप हुआ है [ ( वरना हमारी लड़की तो बहुत शरीफ है ) और आप तो जानते ही हैं कि हमारे बेहद शरीफ समाज में अपने दोस्त से मिलना या premarital sex एक बहुत ही घृणित कार्य है ........premarital ही नहीं ....यहाँ तो सेक्स ही बहुत नीच कर्म है .....हमारे देश में तो सदियों से बच्चे सिर्फ देख लेने भर से पैदा हो जाते हैं .......... बल्कि कुंती ने तो सिर्फ सूर्य देव का स्मरण भर कर लिया था और कर्ण उसके पेट में आ गया ]............फिर बात पंचायत में गयी .....जैसा की आम तौर पे होता है ........पंचायत ने compromise कराने की कोशिश की .......compromise माने पैसे ले के मामला रफा दफा करो ......लड़की वाले बहुत ज्यादा पैसे मांग रहे थे ......लड़की वाले प्रेशर बनाने के लिए थाने में चले गए ......चौकी इंचार्ज जांच के लिए गया .......जांच में उसने पाया कि असल मामला क्या है और पंचायत चूँकि compromise पे काम कर ही रही थी इसलिए उसने कुछ दिन का मौका दिया .........भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की यही कार्य शैली रही है सदियों से .......यहाँ तक सब कुछ सामान्य था ..........फिर आखिर गड़बड़ कहाँ हुई ..........
गड़बड़ ये हुई कि पूरे इलाके में घटना की चर्चा थी ........लड़की वाले बहुत ज्यादा पैसा मांग रहे थे .....इसलिए उनकी बहुत निंदा हो रही थी .......प्रेम प्रसंग में रेप का आरोप लगा के पैसे ऐंठना .....ये तो धंदा हो गया ..........ऐसी बातों के बीच लड़की को कुछ दिन के लिए नज़दीक कसबे में एक रिश्तेदारी में भेज दिया गया ........उधर पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच में पाया कि कोई बलात्कार नहीं हुआ ........सामाजिक प्रेशर ......बदनामी ....लोक लाज .....पारिवारिक प्रताड़ना से तंग आ के लड़की ने ख़ुदकुशी कर ली ........बकौल पुलिस उसने कोई suicide note नहीं लिखा ........जब ख़ुदकुशी की तो दिल्ली का बवाल अपने चरम पे था ........मीडिया को मुद्दा मिल गया .........सरकार दिल्ली में शीला दीक्षित और मौन मोहन सिंह उर्फ़ मिस्टर "ठीक है" सिंह की कुत्ता घसीटी देख के पहले ही डरी हुई थी .........सो उसने आनन फानन में चौकी इंचार्ज को डिसमिस किया ....SHO ससपेंड ......लड़के अन्दर ........दो दो IG लेवल के अधिकारी जांच कर रहे हैं ..........कि आखिर चूक कहाँ हुई ......
अरे चूक क्या ख़ाक हुई ........हमारा समाज ऐसे ही काम करता है ..........आम तौर पर पहले पंचायत ही मामला सलटाने की कोशिश करती है ..........पुलिस तक तो ज़्यादातर मामले पहुँचते ही नहीं .........फिर पुलिस की भी तो कार्य शैली है ....वो पहले एप्लीकेशन ले के रख लेती है ...........फिर एक ASI जा के मौके पे जांच करता है ...........मामले की गंभीरता और तथ्यों के आधार पे आवश्यक हुआ तो FIR दर्ज कर गिरफ्तारी होती है अन्यथा दोनों पार्टियां पैसे ले दे के या यूँ ही समझौता कर लेती हैं ........उसी में पुलिस अपना चाय नाश्ते लायक पैसा ले के बैठ जाती है ...........
पर आजकल वहाँ दिल्ली में माहौल ज़रा गर्म है . बकौल सुपुत्र -ए -महा महिम .....dented - painted रोष प्रकटीकरण का चलन है ..........लिहाज़ा यहाँ पटियाला में भी मुजरिमों को फांसी की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है .......खुद खैर करे .........
अब लीजिये अन्दर की स्टोरी सुन लीजिये .......लड़की का अफेयर लड़के ( मुख्य अभियुक्त ) के साथ लम्बे समय से चल रहा था .......एक शाम वो नज़दीक के ही एक tube well पे उस से मिलने चली गयी ....... गावों में ऐसे tube well ही एकमात्र सुरक्षित स्थान होते हैं जहां प्रेमी युगल मिल सकते है .....ये एक आम बात है .......लड़की ने गलती ये कर दी कि आज उसने ज़रा ज्यादा टाइम लगा दिया .......घर वाले ढूँढने लग गए .......लड़की 9 बजे घर आयी .......अब उसने अपने घर वालों को जो भी बताया हो ........ घर वालों ने शोर मचाया कि रेप हुआ है [ ( वरना हमारी लड़की तो बहुत शरीफ है ) और आप तो जानते ही हैं कि हमारे बेहद शरीफ समाज में अपने दोस्त से मिलना या premarital sex एक बहुत ही घृणित कार्य है ........premarital ही नहीं ....यहाँ तो सेक्स ही बहुत नीच कर्म है .....हमारे देश में तो सदियों से बच्चे सिर्फ देख लेने भर से पैदा हो जाते हैं .......... बल्कि कुंती ने तो सिर्फ सूर्य देव का स्मरण भर कर लिया था और कर्ण उसके पेट में आ गया ]............फिर बात पंचायत में गयी .....जैसा की आम तौर पे होता है ........पंचायत ने compromise कराने की कोशिश की .......compromise माने पैसे ले के मामला रफा दफा करो ......लड़की वाले बहुत ज्यादा पैसे मांग रहे थे ......लड़की वाले प्रेशर बनाने के लिए थाने में चले गए ......चौकी इंचार्ज जांच के लिए गया .......जांच में उसने पाया कि असल मामला क्या है और पंचायत चूँकि compromise पे काम कर ही रही थी इसलिए उसने कुछ दिन का मौका दिया .........भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की यही कार्य शैली रही है सदियों से .......यहाँ तक सब कुछ सामान्य था ..........फिर आखिर गड़बड़ कहाँ हुई ..........
गड़बड़ ये हुई कि पूरे इलाके में घटना की चर्चा थी ........लड़की वाले बहुत ज्यादा पैसा मांग रहे थे .....इसलिए उनकी बहुत निंदा हो रही थी .......प्रेम प्रसंग में रेप का आरोप लगा के पैसे ऐंठना .....ये तो धंदा हो गया ..........ऐसी बातों के बीच लड़की को कुछ दिन के लिए नज़दीक कसबे में एक रिश्तेदारी में भेज दिया गया ........उधर पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच में पाया कि कोई बलात्कार नहीं हुआ ........सामाजिक प्रेशर ......बदनामी ....लोक लाज .....पारिवारिक प्रताड़ना से तंग आ के लड़की ने ख़ुदकुशी कर ली ........बकौल पुलिस उसने कोई suicide note नहीं लिखा ........जब ख़ुदकुशी की तो दिल्ली का बवाल अपने चरम पे था ........मीडिया को मुद्दा मिल गया .........सरकार दिल्ली में शीला दीक्षित और मौन मोहन सिंह उर्फ़ मिस्टर "ठीक है" सिंह की कुत्ता घसीटी देख के पहले ही डरी हुई थी .........सो उसने आनन फानन में चौकी इंचार्ज को डिसमिस किया ....SHO ससपेंड ......लड़के अन्दर ........दो दो IG लेवल के अधिकारी जांच कर रहे हैं ..........कि आखिर चूक कहाँ हुई ......
अरे चूक क्या ख़ाक हुई ........हमारा समाज ऐसे ही काम करता है ..........आम तौर पर पहले पंचायत ही मामला सलटाने की कोशिश करती है ..........पुलिस तक तो ज़्यादातर मामले पहुँचते ही नहीं .........फिर पुलिस की भी तो कार्य शैली है ....वो पहले एप्लीकेशन ले के रख लेती है ...........फिर एक ASI जा के मौके पे जांच करता है ...........मामले की गंभीरता और तथ्यों के आधार पे आवश्यक हुआ तो FIR दर्ज कर गिरफ्तारी होती है अन्यथा दोनों पार्टियां पैसे ले दे के या यूँ ही समझौता कर लेती हैं ........उसी में पुलिस अपना चाय नाश्ते लायक पैसा ले के बैठ जाती है ...........
पर आजकल वहाँ दिल्ली में माहौल ज़रा गर्म है . बकौल सुपुत्र -ए -महा महिम .....dented - painted रोष प्रकटीकरण का चलन है ..........लिहाज़ा यहाँ पटियाला में भी मुजरिमों को फांसी की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है .......खुद खैर करे .........
No comments:
Post a Comment