Monday, December 10, 2012

Recipe.....How to make your child a criminal

                               1990 की बात है . दिल्ली में नेहरु स्टेडियम में नौकरी लगने के बमुश्किल तीन महीने बाद मैं अपनी नव विवाहित पत्नी और नवजात बेटे को ले कर और अपनी नवजात नौकरी को लात मार कर , और दिल्ली की चकाचौंध को छोड़ उत्तर प्रदेश के सुदूर गाजीपुर जिले में अपने गाँव चला आया था . जवानी का जोश था ! कुछ कर गुजरने का जज्बा था .गाँव में अपने घर के दो कमरों में ही स्कूल खोल दिया और लगे पढ़ाने .मुझे याद है , जून महीने की तपती दुपहर में एक महिला अपने पांच साल के बेटे को लादे आठ किलोमीटर दूर से आई थी . वो पहला स्टूडेंट था मेरे स्कूल का  . आशुतोष सिंह नाम था उसका . आज वो लड़का आर्मी में मेजर है . तब से आज तक हज़ारों बच्चे आये गए . कुछ भूल गए पर कुछ की याद आज भी ताज़ा है ज़ेहन में . एक और लड़का हुआ करता था .......... अमन प्रताप सिंह .........नन्हे कहते थे उसे .......... उस से पारिवारिक सम्बन्ध भी था . रोज़ का उठाना बैठना था . उसका बाप एक नंबर का फ्राडिया था ....... एक स्थानीय ट्रेक्टर एजेंसी का सेल्स मैन  था ...........  रोज़ कोई न कोई ठगी करता था ?............ मोहल्ले में रोज़ उसकी चर्चा होती थी . हर तीसरे दिन एक नया किस्सा सुनने को मिलता .........आज ह्रदय सिंह ने उसको फसाया .....आज  उसको ठगा .......आज उसे लूटा .........मेरे एक मित्र थे , उन्होंने मुझसे पूछा की अमां यार हम तो सुना करते थे  की काठ की हंडिया सिर्फ एक बार चढ़ा करती है . फिर ये साला रोज़ कैसे चढ़ा देता है ........ मैंने कहा भैया इसके पास काठ की हंडिया का स्टॉक है ......... साले के पास पूरा गोदाम है काठ की हंडिया का ........ रोज़ एक नयी चढ़ा देता है ........ बहरहाल दो लड़के थे ह्रदय सिंह के ........ बड़का ........बब्बू .....  इंटर  कर रहा था था . छोटा नन्हे मेरे पास पढता था .....कुछ सालों बाद उन्होंने उसे हमारे यहाँ से निकाल  के कहीं और डाल दिया ....फिर कुछ सालों बाद परिस्थितयां बदलीं . उस स्कूल में आगे चल के मेरे एक मित्र अजय बरनवाल जी पार्टनर हो गए ..........फिर कुछ और सालों बाद मैंने वो स्कूल अजय जी को बेच दिया और अपने परिवार सहित पंजाब चला आया . यहाँ मेरे बच्चे पढ़ते है और पहलवानी करते है ........... कुछ सालों बाद खबर मिली की ह्रदय सिंह के बड़े लड़के बब्बू सिंह ने आत्महत्या कर ली ............फिर आज से लगभग दो साल पहले खबर मिली की ह्रदय सिंह के छोटे लड़के नन्हे सिंह एक लूट कांड में जेल में बंद हैं ..........फिर दो महीने पहले सुनने में आया की किसी का मर्डर कर के फरार हैं .......... गत शनिवार को बड़ा ह्रदय विदारक समाचार मिला की मेरे प्यारे दोस्त अजय और उनके भाई विजय की लूट के बाद हत्या कर दी गयी ...........आज गूगल न्यूज़ पे विस्तार से पढ़ा की कैसे नन्हे सिंह सुपुत्र श्री ह्रदय नारायण सिंह निवासी मोहल्ला ठकुरहण  सैदपुर  जिला गाजीपुर उत्तरप्रदेश .......... अपने गैंग के सात अन्य सदस्यों के साथ पकड़ लिए गए हैं ......... और अजय जी  से  लूटी गयी गहनों की पेटी भी बरामद हो गयी है .
                                अब भी याद ही मुझे कैसे वो औरत अपने उस छोटे से बच्चे को लाद के आठ किलो मीटर दूर से ले कर आती थी . फिर दिन भर इंतजार करती और छुट्टी होने  के बाद शाम ढले वापस जाती  .......कई  साल ये सिलसिला चालता रहा . आज वो लाडका आशुतोष मेजर है . कल हो सकता  है  कि ब्रिगेडियर  या जनरल बन जाये ..........ये भी याद आता है कि ह्रिदय सिंघ ने कभी अपने बच्चों को मेहनत और इमानदारी की .....कभी अपने खून पसीने कि रोटी नही  खिलायी . कभी आचार विचार व्यवहार और संस्कार का पाठ नही पढाया . वो लाडका अमन प्रताप सिंह  भी बहुत होनहार था ......परंतु उसे हमेशा चोरी चकारी ठगी और लूट का ही माहौल मिला ....आज वो जेल में  है . कल  हो सकता  है कि  मौका पा के पुलिस encounter कर दे ........विष बेल पर  कडवे फळ ही लगा  करते हैं 











5 comments:

  1. बहुत सही लिखा हैं श्रीमान जी आपने....

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  2. वाउ क्या ये सच्ची कहानी हैँ यकिन नही होता जो भी हैँ मजेदार हैँ ...प्ररेरनादायक ,...

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  3. Ya........ Its true......check google news.......seven arrested for sp leaders murder

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  4. Sahi kaha aapne galat karnewale se jyada uski paristhitiyan galat hoti hain jo usse galti karwati hain..........

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