Sunday, June 12, 2011

खबरनवीस मर गया क्या ?????? या बिक गया ???????

आज सुबह डा.सुब्रमण्यम स्वामी ने देहरादून में ये आरोप लगाया की इधर देश में कोहराम मचा है और राजमाता सोनिया जी और युवराज पिछले चार दिन से switzerland में बैठे हैं ........अब पिछले कुछ सालों में सुब्रमण्यम स्वामी ने देश विदेश में ये image बनायी है की वो अनर्गल प्रलाप नहीं करते हैं ....जो बोलते हैं सोच समझ कर बोलते हैं ........नाप तोल कर बोलते है .......कुछ भी बोलने से पहले पूरी research करते हैं ........पिछले कुछ सालों में उन्होंने बहुत बड़े बड़े ....विशालकाय घोटाले खोजे हैं ....उनपे बड़ी व्यापक खोजबीन की है ......अब इतनी बड़ी बात कह दी उन्होंने आज सुबह .........आरोप लगाया की दोनों माँ बेटा switzerland गए हैं अपने खातों की देखरेख करने .........पूरे देश में आम आदमी ये बात खुल कर कहता है और मानता है की प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह जी व्यक्तिगत रूप से बेहद इमानदार होते हुए भी भ्रष्टाचार एवं काले धन पर कोई प्रभावी कदम इसलिए नहीं उठा पा रहे क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेता गण......( गाँधी परिवार समेत ) की गर्दन सबसे पहले नप जाएगी ........अब ऐसे माहौल में आज कोढ़ में खाज हो गयी ....कमबख्त ..........मुए स्वामी ने इतनी बड़ी बात कह दी किसी एक चैनल पर ............अब हमारे जैसे लोग चिपक गए भैया टीवी से ...वैसे भी हम लोग चिपके ही रहते हैं ........पर वाह ....क्या बात है .......किसी भी माई के लाल हमारे न्यूज़ चैनल ने उस बयान को दुबारा नहीं दिखाया ....खोज बीन करना....बाल की खाल निकालना तो दूर की बात है ........सारा दिन टीवी पर surfing करने के बाद ( हांलाकि न्यूज़ तो अब भी चल रही है ) शाम को हमने इन्टरनेट पर गोते लगाए ........सारी न्यूज़ खोज मारी ..........कहीं तो कुछ निकलेगा .......कहीं तो कोई चर्चा होगी ...किसी ने डॉ स्वामी को quote ही किया होगा ...कहीं से कोई खंडन ही आया होगा ..........अब हम क्या जानें दिल्ली में कौन क्या कर रहा है ....पर दिल्ली वाले तो जानते हैं की कहाँ हैं सोनिया जी ....कहाँ हैं अपने राहुल बाबा .....और इन मीडिया वालों के लिए तो ये एक मिनट का काम है .....एक फोन मारा और ये लो .....हो गयी पुष्टि ....या ये रहा खंडन ..........पर कुछ नहीं ....शांति ...एकदम मरघट वाली शांति है आज ........न पुष्टि.... न खंडन ............
पर दोस्तों .....मरघट की ये शांति .......चीख चीख कर कुछ कह रही है ..............ध्यान से सुनिए .....दूर वहां कोई रो रहा है .........किसी की मौत पर .....पर मुझे सचमुच विश्वास नहीं होता की वो मर गया ..........इतनी आसानी से मरने वाला वो था तो नहीं ....बड़ी सख्त जान था कमबख्त .......क्या वाकई मर गया ...खबरनवीस ............न कोई आवाज़ न हलचल ........माजरा क्या है .....
आज सुबह एक लेख लिखा मैंने की कैसे सरकार हमारे मूल अधिकारों को कुचल रही है .....इसके अलावा मैं लिखता रहा हूँ की कैसे न्यूज़ मर रही है ............पिछले दस दिनों से मैं महसूस कर रहा हूँ की news channels पर सरकारी विज्ञापनों की बाढ़ सी आ गयी है .........अब ये कोई खोजी पत्रकार या संस्था ही आंकड़े खोजेगी की किस महीने में कब कितने सरकारी विज्ञापन आये news channels पर, और अखबारों में ........... .....सच्चाई सामने आनी ही चाहिए ...........और जैसे ही इन्हें सरकारी विज्ञापन मिले इनकी तोपों का मुह सिविल सोसाइटी की तरफ मुड़ गया ..........ये लगे जन आन्दोलन को बदनाम करने ....सरकार और पार्टी का गुणगान करने और भ्रम फैलाने ..............जो मीडिया एक एक byte के लिए मारा मारा फिरता है ....आज डॉ सुब्रमण्यम स्वामी के इतने सनसनीखेज बयान के बाद भी चुप है ....मरघट सी शांति है .......पुष्टि नहीं तो खंडन तो आना चाहिए ........सरकार की तरफ से न सही पार्टी की तरफ से ही सही .......अगर सोनिया जी और राहुल जी देश में हैं तो बताया जाए और डॉ स्वामी से कहा जाए की प्रलाप बंद करो ......और अगर कहीं बाहर हैं तो ये भी बताया जाए की कहाँ हैं .......... चुप्पी साध के देश का मीडिया गाँधी परिवार को बचा रहा है क्या ??????? या ये मुद्दा...ये प्रश्न ....सचमुच इतना छोटा ...इतना घटिया है की इसपे टिप्पणी करना नहीं चाहता ............पर ये बहुत कडवी सच्चाई है की आज अधिकाँश लोग ...चाहे वो कांग्रेस समर्थक लोग ही क्यों न हों........ ये मानते हैं की गांधी परिवार के खाते हैं...... विदेशी banks में .......अब इसका जवाब या तो हाँ में हो सकता है या ना में ........चुप रहना कोई जवाब नहीं है ....और चुप रहे तो गाँधी परिवार रहे ....मीडिया क्यों चुप है ???????? कुत्ते का काम है भोंकना ........यहाँ कुत्ते को एक गाली के रूप में न ले कर एक रक्षक के रूप में लिया जाए please ........कुत्ते का काम है भोंकना और गुर्राना ....ज़रा सी आहट पर भी भोंकना ..........क्यों चुप है आज ...आहट सुनाई नहीं दी ........या हड्डी चूसने में इतना मगन है .......देखो कहीं मर तो नहीं गया ........खबरनवीस बिक गया क्या ???????? लोकतंत्र का चौथा खम्बा भी टूट रहा है क्या ????????









2 comments:

  1. सटीक और मस्त व्यंग्य... गज़ब

    ReplyDelete
  2. The same thing happened that day with me also. I can not forget that day...
    The same statement Mr. Vishwa Bandhu Gupta also quoted in the "CNN-IBN Debate, with Rajvir" to Manish Tiwari ( Main apne naam ko change karana chahata hoon, jabse ye ....politics main aayaa hai). But everybody told him to avoid saying anything wild. V B Gupta said that if you are so sure, file a criminal case of defamation against me...no body has yet come forward.

    ReplyDelete