बनारस के भोजन की चर्चा चल रही है .......अब आजकल ढाबों और restaurants
पे मिलने वाला खाना तो पूरे देश में एक सा ही मिलने लगा है .........वही
घिसी पिटी recipes ..........कहीं अच्छा तो कहीं खराब .......और फिर
हमारे tourists भी तो वही घिसे पिटे .............अबे maggi और omlett
तो तूने जिंदगी भर खाए ही हैं .....शाही पनीर तो भैया तू रोज़ खाता ही है ............बनारस आया है यार ....... बनारस की typical बनारसी dishes खा
के देख ....पर समस्या ये है की न कोई मांगता है न कोई बनाता है
.........पर अपना तो एक नियम है .......जहां जाओ वहाँ का खाओ
........कश्मीर में जा के मैंने कभी रोज़मर्रा वाली चाय नहीं पी ....हमेशा वहां की नमकीन .....नून चाय ही
पी ......हिमाचल जाते हैं तो भरसक किसी के घर में as a paying guest ठहरते
है और पहले ही तय कर लेते हैं ....भैया लिंगड़ी की सब्जी खिलानी पड़ेगी
....ये वहाँ की एक जंगली घास होती है ....बेहद स्वादिष्ट ........सो अगर आप कभी बनारस जाएँ तो वहां की typical dishes खाइए ....... कुछ आम तौर पे मिल जाती है ....कुछ आपको ख़ास आर्डर
पे बनवानी पड़ेगी .........सबसे पहले बाटी चोखा .......यूँ बाटी है तो
मूलतः राजस्थान का भोजन पर UP , Bihaar में खूब खाया जाता है ....पर यहाँ
की खासियत है चोखा ......यानी आलू बैगन और टमाटर को आग पे भून के ( roasted
) ,mash कर के उसमे ढेर सा कच्चा प्याज ,लहसुन ,अदरक , हरी मिर्च
.........यहाँ तक सो सब ठीक है ....इसके बाद असली typical taste
के लिए कच्चा सरसों का तेल ....लो जी तैयार हो गया चोखा ..........ये बाटी चोखा वहां आम तौर पर ठेलों पे खूब बिकता है
.........इसके अलावा मकुनी .......आटे में सत्तू की मसालेदार filling की
deepfried balls ...........इसे चटनी के साथ खाते है
.......और फिर सुबह मिलने वाली घुगनी .....वाह ......काले चने की सूखी
मसालेदार चटपटी करारी सब्जी ....कुल्हड़ में गर्मागर्म चाय के साथ
..........ये सब वहाँ का street food है ......ठेलों पर बिकता है
.........अब कुछ ऐसी dishes जिन्हें खाने के लिए आपको मेरे जैसा कोई
ठलुआ दोस्त ढूंढना पड़ेगा .........निमोना .....यानी हरे मटर को
shallow fry कर के ...सिल पे बारीक पीस के उसकी thick gravvy में
मसालेदार preperation .......एक और typical बनारसी dish ....जिसे
ज्यादा बनारसी भी न जानते होंगे ..........मूछी .....ये एक ऐसी कढ़ी है
जो बिना दही के बनाई जाती ........बेसन की मसालेदार gravvy में बेसन की
deep fried बूंदी ........एक और बेसन की बड़ी
मजेदार
दिश .....खड़रा कहते हैं इसे ......बेसन को खूब गाढ़ा फेंट के उसमे spices
,नमक मिर्च मिला के तवे पे shallow fry करते हैं .....फिर मसालेदार
gravvy बना के उसमे इन्हें डाल के cook करते हैं ....एक और बेहतरीन
पुरबिया dish ........पर भैया बनारस में जा के अगर दलघुसरी न खाई तो जनम
व्यर्थ ..........तो लीजिये साहब पेश है दलघुसरी .........यानी चने की डाल
की पूड़ी ........चने की दाल में लहसुन ,कुछ spices , और नमक डाल के उसे
खूब boil करते हैं ......पानी सुखा कर उसे अच्छी तरह mash कर के इसकी
filling कर के deepfried पूड़ी बनायी जाती है जिसे एक typical पुरबिया
चटनी के साथ खाते हैं .........इसका combination है बखीर ....वाह........
another
yummy बनारसी dish ....ये एक खीर है .....बिना दूध की ......जी हाँ
गन्ने के ताज़े रस में cooked चावल की खीर ......ये आमतौर पे रात में बनाई
जाती है ...सर्दियों में .........एक और बेहतरीन dishहै .....इसमे आटे में बहुत से मसाले डाल कर खूब कड़ा गूंद लेते हैं ....फिर उसके balls बना के उबलती हुई दाल में डाल देते हैं ....१५ -२० मिनट पाक जाने के बाद उसे निकाल कर deep fry करते हैं .....फिर उसी दाल के साथ खाते हैं ........इसका नाम तो मुझे मालूम नहीं पर बेहद स्वादिष्ट होती है ये ....खास तौर पे तब जब दाल में हींग का तडका लगा हो .............ये सारी dishes आम तौर पे कही किसी restaurant में नहीं मिलेगी .....इन्हें आपको किसी के घर बनवा के खाना
पड़ेगा ................इसके अलावा और न जाने क्या क्या ......non veg
dishes भी हैं बहुत सारी ......जैसे पूर्वांचल में मछली बहुत शौक से खाई
जाती है ....... इसके अलावा हांडी में बना गोश्त ......मिटटी की हंडिया में
गोहरे ( कंडे,उपले ) की धीमी आंच पे दही की मलाई में बना खड़े मसालों के
साथ बना मुर्गा या बकरा ............इसके अलावा बनारस शहर में रात को दूध
पीने का रिवाज़ है ........जगह जगह लोहे की बड़ी बड़ी कडाहियों में धीमी आंच
में उबलता दूध ....जिसे कुल्हड़ में serve किया जाता है ..........इसी के
साथ रबड़ी खाने का भी चलन है ...........दूध और दूध से बनी सारी चीज़ें
बनारस में लाजवाब होती हैं ..........
अगर आप चाय के शौक़ीन हैं तो आप जीवन की सबसे स्वादिष्ट चाय यहाँ पी सकते
हैं ..........दो किस्म की चाय मिलती है यहाँ ........एक वो जो आमतौर पर हर
जगह मिलती है .......यहाँ उसके साथ butter toast खाने का रिवाज़ है
........पर इसे मैं चालू चाय मानता हूँ ....ख़ास शौकीनों के लिए ख़ास चाय
.......ख़ास ख़ास जगहों पर देर शाम और आधी रात तक मिलती है .........वो है
बनारस की असली चाय .........देर तक केतली में उबलती खूब strong चाय
.....उसे ग्लास में छान के ....उसमे आपके taste के हिसाब से चीनी और
खौलता दूध ऊपर से मिलाते हैं .........बेहतरीन बनारसी चाय ..........
इन सबके अलावा , बनारस एक अत्यंत लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पर्यटक केंद्र है, इसलिये यहां तमाम विदेशी और देशी cuisines के बेहद लोकप्रिय restaurants है ......जहां italian, mexican, japanese, israeli ,korean ,russian ,thai ,राजस्थानी ,गुजराती ,south indian सब मिलता है .........
बनारस से इश्क की दास्ताँ अगले अंक में जारी रहेगी ..........
आपने जितनी चीजें बताई हैं खाये तो क्या नाम भी नहीं सुने थे।
ReplyDeleteमुझे तो बाहर जाकर नॉनवेज और चावल से गुजारा करना पडता है। :)
प्रणाम
भाई दाल मे आटे की लोई डाल के जो व्यंजन बनता है जिसे दाल टिक्की या दाल का दुल्हा कह्ते है बाकी आप के भाव बनारसी व्यंजन के साथ अभूतपूर्व है.............
ReplyDelete