Friday, January 4, 2013

वो न सुधरे तो तुम सुधर जाओ............अथ रेप पुराण ............भाग 6

                                                   आज की पोस्ट की शुरुआत एक चुटकुले से .......भगवान् ने जब आदमी को बनाया तो बड़ा खुश हुआ .....बहुत देर तक उसे निहारता रहा .....उसे अपने ऊपर गर्व हुआ .........उसने खुद अपनी पीठ ठोक  ली ....वाह , क्या नायाब चीज़ बनाई है ........फिर वो आदमी से बोला .....बेटा , मैं तुम्हें धरती पे भज रहा हूँ ......मैंने तुम्हें दो नायाब चीज़ें दी है ......पहला दिमाग ......इस से तुम सारी धरती पे राज करोगे ....रोज़ नए नए आविष्कार करोगे .....और धरती को बदल के रख दोगे ......और दूसरा ये penis .........इस से तुम अपनी सन्ततियां पैदा करोगे और अपने जैसे लाखों smart और intelligent नए आदमी पैदा करोगे ...........पर इस पूरे सिस्टम में एक छोटी सी प्रॉब्लम है ......ब्लड सप्लाई लिमिटेड है ...........एक काम करेगा तो दूसरा काम नहीं करेगा .
                                              जब से ये दिल्ली वाला काण्ड हुआ है मैं इस विषय पे लगातार लिख रहा हूँ ......मेरे एक मित्र ने कमेंट किया है की  सारी  पोस्ट्स नकारात्मक हैं , और मैं  सहमत भी हूँ , क्योंकि मेरा ये मानना है की इस गंभीर समस्या का हम बहुत ही सतही इलाज़ ढूंढ रहे हैं ............ जब से मानव इस धरती पे अवतरित हुआ उसकी दो बेसिक urges रही हैं .....भूख और सेक्स ......और इनका कोई इलाज  नहीं है ........ये तो पूरी करनी ही पड़ेंगी .........अब इसमें उस बेचारे की कोई गलती नहीं है ............. ये तो  manufacturing deffect  हुआ ............अल्लाह मियाँ को तभी सोचना चाहिए था ...........यहाँ पे मनुष्य और  अन्य जीवों का अंतर समझ आता है .........यहाँ भी अल्लाह मियाँ ने एक गलती कर दी ....जानवरों में तो सेक्स की urge लिमिटेड कर दी और सिर्फ प्रजनन तक सीमित कर दी , पर अपने लाडले बेटे को कह दिया ....जा बेटा  ऐश कर ..........अब बेटा यहाँ बवाल मचा रहा है ........
                                             सो जब अति हो गयी और मनुष्य जब जानवर से सामाजिक प्राणी बना तो उसने अपनी इस urge को रेगुलेट किया .......परिवार और समाज जैसे संस्थाएं बनी .....विवाह जैसी संस्था बनी .........फिर इस के इर्द गिर्द ही धर्म और दर्शन की नीव पडी .............और मनुष्य ने स्वयं को पशुओं से ऊपर उठा लिया ..........औरों की तो मैं जानता नहीं पर भैया हमारा हिन्दू धर्म का तो आधार ही यम नियम और संयम रहे हैं .......हमारे ऋषि मुनियों और बड़े बुज़ुर्गों ने हमेशा ही भोग और विलास में संयम की शिक्षा दी है ..... अन्न का एक दाना भी बर्बाद नहीं करना चाहिए .........दूध की एक बूँद का भी सम्मान करना चाहिए .........काम क्रोध लोभ मोह मद ....control करो .......ब्रह्मचर्य ....... यही सारे concepts तो पशुता से मनुश्यत्व की ओर ले जाते हैं ........पर आज कल के मॉडर्न समाज में भैया .....ये थ्योरी तो आउटडेटिड हो गयी है ...........अब तो एक्सट्रीम उपभोक्तावाद का ज़माना है ......... मुकेश अम्बानी role model हैं समाज के .......4 कमरे के घर में उनका काम नहीं चलता  .....उनके लिए तो 27 मंजिला ANTILLA भी छोटा पड़ रहा है .....इनफ़ोसिस वाले , ( नाम भूल गया ) का दो कमरे के फ्लैट में चल जाता है  , कहने का मतलब ये है की उपभोग की कोई सीमा नहीं ..........यम नियम संयम  गया चूल्हे में .....सृष्टि का कण कण उपभोग के लिए है ..........you live only once ........    जितना भोग सकते हो भोगो .......पश्चिम की ये सोच ज्यादा हावी है ........ पर पश्चिम ने अपने बच्चों को एक बात तो सिखाई  कम से कम .......झूठ नहीं बोलना .......सड़क पे कूड़ा नहीं फेंकना .....दुसरे की privacy का सम्मान करना .....no means no ......
                                       यहाँ तो 120 करोड़ पैदा कर के सड़क पे छोड़ दिए हैं ........कम से कम 60 करोड़ ऐसे हैं जिन्हें जिंदगी में पेट भर कायदे का खाना  नसीब न हुआ .......... शिक्षा , स्वास्थ्य , आचार , विचार , व्यवहार ,संस्कार ,चरित्र तो दूर की बात है ........पशु को मनुष्य बनाने पे तो काम हुआ ही नहीं ........अब भैया पशु तो पशु होता है ......वो तो अपनी बेसिक urge को पूरा करेगा ..........अब आप फिर कहेंगे की नकारात्मक सोच है .........इन 100 करोड़ को रातों रात पशु से आदमी नहीं बनाया जा सकता .......इसलिए फार्मूला निकाला  है ..........सवारी अपने  सामान की आप  जिम्मेवार है ......... पर ये सुनते ही महिला मंडल भड़क जाता है ......हम क्यों सुधरें ....तुम सुधरो ........लाखों करोड़ों पशु सड़क पे छुट्टा घूम रहे है ........ये नहीं सुधरेंगे बेटा ..........सुधारना तो तुम्हे ही पड़ेगा ........अपनी सुरक्षा खुद करनी पड़ेगी ........ सारे precaution लेने पड़ेंगे  .....वो क्या होता है ....pepper spray लाल मिर्च .....ऐसे हथियार ले के चलो ......गलत टाइम पे बाहर सोच समझ के निकलो ..अगर बहुत ज्यादा समस्या न हो तो कपडे ठीक ठाक से पहन लो .......आगे  आप लोगों की  मर्ज़ी है .........फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट तो खुल ही रहे हैं ...........

                                                                        इति रेप पुराणः 



                                                                                                    समाप्त 


 






























1 comment:

  1. आपकी बातोँ मेँ सहमत हुँ क्योकि सेक्स और भोग एवं अपराध किसी अदालत पुलिस के कटघडे के कमजोर नियम से नही होता ये प्राकृती की देन हैँ इससे बचना हैँ तो खुद संभलना पडेँगा । यात्रीगण से तभी तो रेलवेँ शुरु से कहता आ रहा हैँ कृपया अपनेँ समान की रक्षा स्वंम करेँ ।

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