एकदा भारत देशे , एक राजा रहता था . अपनी राज्य पे राज करता था . उसकी प्रजा थी .जो लगान देती थी . रानियाँ थीं .जो उसका मनोरंजन करती थीं . महारानी थी .......पट रानियाँ थीं और ढेरों रानियाँ थीं . उनसे उसके ढेरों बच्चे थे . खेती बाड़ी बस ठीक ठाक ही थी . उद्योग धंदे थे नहीं .अलबत्ता उसने अपने राज्य में lollypop बनाने की फैक्ट्री लगवा दी थी . वो फैक्ट्री अच्छी चलती थी .उसका पूरा माल राज्य स्वयं खरीद लेता था , ऊंचे दामों पर . फिर मुफ्त में या susidized रेट पे जनता जनार्दन को बाँट दिया जाता था . यूँ तो राज्य के सभी बच्चे , जो बहुत ज़्यादा थे , राजा के ही थे . पर उसके अपने बच्चे जो कम ही थे उसके फेवरिट थे .उसके अपने जो ठहरे . राज्य की जनता परिश्रमी थी , किसी तरह अपने बच्चों का पेट पाल ही लेती थी .पर राजा साहब के बच्चे चूंकी शाही संतानें थीं सो भूखी मरती थॆ. राजा की संतान भूखी ? दरअसल रानी साहिबा लोग को तो जापे से ही फुर्सत नहीं मिल पाती थी . सो कौन बनाए खिलाये .और ढेरों थे .किसको किसको बनाए खिलाये . राजा मस्त रहता था .उसे राज काज से ही फुर्सत न थी .
फिर एक दिन पता नहीं कहाँ से एक जांच कमीसन बैठ गया .और जब वो खड़ा हुआ तो उसने सच सच बता दिया राजा को , की बाकी जो हो सो हो , पर ये जो तुम्हारे वाले हैं न , न ये पढ़े , न लिखे , न कुछ आता न जाता , न नौकरी न काम धंदा .........ये बेचारे भूखे मर रहे हैं . इनका कुछ करो . राजा का माथा ठनका . दरबार की शानो शौकत छोड़ सीधे अन्दर गया . वहाँ चिल्ल पों मची थी . फटेहाल बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे . मक्खियाँ भिन भिना रही थी . चारों ओर गंदगी का आलम था . राजा का दिल भर आया .उसने उन्हें गले से लगा लिया . जेब से lollypop निकाला और मुह में डाल दिया .भूखे बच्चे लपर लपर चुभलाने लगे .रोआ राट बंद हो गयी . राजा ने चैन की साँस ली . रानियों को बुलाया .कारिंदों को बुलाया .बहुत नाराज़ हुआ . बहुत हड़काया . बोला , इनका ध्यान रखा करो ........... यही तो हैं मेरे ..........अरे मेरा क्या है .......इन्हीं का है सब .......इन्ही से सब कुछ है .............. इन्हीं से ये रौनक मेला है ............अरे ये नहीं रहेंगे तो यहाँ चमगादड़ उड़ेंगे ..........इनका ख्याल रखा करो ....इनके खाने पीने पे ध्यान दो .........अब मैं भी ध्यान दूंगा . और जेब से lollypop निकाल के पकड़ा दिये . जब रोए तो दे देना .दूसरी जेब से झुनझुना निकाला ......और हिलाने लगा ........झन झन झन झन ....बच्चे खुश हो गए ...........राजा दरबार में चला गया .
कुछ दिन बाद उसे फिर याद आया . अन्दर गया तो देखा, फटेहाल भूखे बच्चे रो रहे थे . चिल्ल पों मची थी . मक्खियाँ भिनक रही थी . उसे देखते ही बच्चे उसकी ओर लपके .उसने lollypop निकाली . मुह में डाल दी .बच्चे लपर लपर चुभलाने लगे .........झुनझुना हाथ में पकड़ा दिया . रानियों को बुला के समीक्षा बैठक की . योजना आयोग को lollypop की एक और factory की योजना बनाने को कहा . health hygiene और nutrition पे एक करारा सा लेक्चर दिया .बच्चे खुशी से झूमने लगे . ताली बजाने लगे .
राजा की ख्याति दूर दूर तक फ़ैल गयी थी . लोग बाग़ impress हो गए थे . वाह क्या मैनेजमेंट है राजा का .......वाह .......हमें भी बताइये राजा साहेब ....कैसे करते हैं इतना बढ़िया मैनेजमेंट .सुदूर राज्यों से न्योते आने लगे .और राजा साहब जाने लगे .वहाँ लोगों ने पहले सलाम बजाया ........फिर पूछा , राजा साहब ............... हुज़ूर ..........कैसे भूख से बिलबिलाते बच्चों को इतनी आसानी से चुप करा लेते हैं आप ......... राजा भड़क गया .....मेरे बच्चों का अपमान किया ....उन्हें भूखा बताया .......नहीं दूंगा management पे लेक्चर ..........और राजा उठ खडा हुआ ....बाज़ार से बच्चों के लिए कुछ lollypop लिए ........कुछ झुनझुने .....और वापस चल पडा ....उधर महल में हंगामा बरपा था ........बच्चे खुश थे ......राजा ने अपमानित नहीं होने दिया ....... ये भी चर्चा ए आम थी , की राजा lollypop और झुनझुने ला रहा है ...........बच्चे खुशी से नाचने लगे ...........
फिर एक दिन पता नहीं कहाँ से एक जांच कमीसन बैठ गया .और जब वो खड़ा हुआ तो उसने सच सच बता दिया राजा को , की बाकी जो हो सो हो , पर ये जो तुम्हारे वाले हैं न , न ये पढ़े , न लिखे , न कुछ आता न जाता , न नौकरी न काम धंदा .........ये बेचारे भूखे मर रहे हैं . इनका कुछ करो . राजा का माथा ठनका . दरबार की शानो शौकत छोड़ सीधे अन्दर गया . वहाँ चिल्ल पों मची थी . फटेहाल बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे . मक्खियाँ भिन भिना रही थी . चारों ओर गंदगी का आलम था . राजा का दिल भर आया .उसने उन्हें गले से लगा लिया . जेब से lollypop निकाला और मुह में डाल दिया .भूखे बच्चे लपर लपर चुभलाने लगे .रोआ राट बंद हो गयी . राजा ने चैन की साँस ली . रानियों को बुलाया .कारिंदों को बुलाया .बहुत नाराज़ हुआ . बहुत हड़काया . बोला , इनका ध्यान रखा करो ........... यही तो हैं मेरे ..........अरे मेरा क्या है .......इन्हीं का है सब .......इन्ही से सब कुछ है .............. इन्हीं से ये रौनक मेला है ............अरे ये नहीं रहेंगे तो यहाँ चमगादड़ उड़ेंगे ..........इनका ख्याल रखा करो ....इनके खाने पीने पे ध्यान दो .........अब मैं भी ध्यान दूंगा . और जेब से lollypop निकाल के पकड़ा दिये . जब रोए तो दे देना .दूसरी जेब से झुनझुना निकाला ......और हिलाने लगा ........झन झन झन झन ....बच्चे खुश हो गए ...........राजा दरबार में चला गया .
कुछ दिन बाद उसे फिर याद आया . अन्दर गया तो देखा, फटेहाल भूखे बच्चे रो रहे थे . चिल्ल पों मची थी . मक्खियाँ भिनक रही थी . उसे देखते ही बच्चे उसकी ओर लपके .उसने lollypop निकाली . मुह में डाल दी .बच्चे लपर लपर चुभलाने लगे .........झुनझुना हाथ में पकड़ा दिया . रानियों को बुला के समीक्षा बैठक की . योजना आयोग को lollypop की एक और factory की योजना बनाने को कहा . health hygiene और nutrition पे एक करारा सा लेक्चर दिया .बच्चे खुशी से झूमने लगे . ताली बजाने लगे .
राजा की ख्याति दूर दूर तक फ़ैल गयी थी . लोग बाग़ impress हो गए थे . वाह क्या मैनेजमेंट है राजा का .......वाह .......हमें भी बताइये राजा साहेब ....कैसे करते हैं इतना बढ़िया मैनेजमेंट .सुदूर राज्यों से न्योते आने लगे .और राजा साहब जाने लगे .वहाँ लोगों ने पहले सलाम बजाया ........फिर पूछा , राजा साहब ............... हुज़ूर ..........कैसे भूख से बिलबिलाते बच्चों को इतनी आसानी से चुप करा लेते हैं आप ......... राजा भड़क गया .....मेरे बच्चों का अपमान किया ....उन्हें भूखा बताया .......नहीं दूंगा management पे लेक्चर ..........और राजा उठ खडा हुआ ....बाज़ार से बच्चों के लिए कुछ lollypop लिए ........कुछ झुनझुने .....और वापस चल पडा ....उधर महल में हंगामा बरपा था ........बच्चे खुश थे ......राजा ने अपमानित नहीं होने दिया ....... ये भी चर्चा ए आम थी , की राजा lollypop और झुनझुने ला रहा है ...........बच्चे खुशी से नाचने लगे ...........
हा-हा-हा
ReplyDeleteसटीक
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