इशरत के अब्बू , नितिस बाबू ने संघ मुक्त भारत का नारा दिया है ।
संघ मुक्त से उनका आशय शायद भाजपा मुक्ति से है । क्योंकि संघ एक संस्था से ज़्यादा एक विचार है और विचार से मुक्ति पाना इतना आसान नहीं । हाँ , भाजपा से मुक्ति पायी जा सकती है ।
जैसे बिहार में महाठगबंधन बना के भाजपा को रोक लिया गया वैसे पूरे देश में भी रोका जा सकता है । वो तो मोदी जी और भाजपा का सौभाग्य है कि नितिस बाबू को अक्ल थोड़ी देर से आई वरना चाहते तो रोक तो 2014 में भी लेते ।
2014 तो चलो बीत गया । अब बात करते हैं 2019 की ........... 2019 में यदि सोनिया गांधी के साथ महबूबा मुफ़्ती , ओमर अब्दुल्लाह , चौटाला , कुलदीप बिश्नोई , प्रकाश सिंह बादल , अरविन्द केजरीवाल , मुलायम सिंह , मायावती , लालू , नितीश , पासवान , असम वाला बदरुद्दीन , ममता बनर्जी , सीताराम येचुरी , नवीन पटनायक , करूणानिधि , जय ललिता , चंद्र बाबू नायडू , जगन मोहन रेड्डी , तेलंगाना वाला चनसेखर राव , ओवैसी , उद्धव ठाकरे , राज ठाकरे , और शरद पवार , ई सब यदि secularism के नाम पे मिल जाएँ और एक महाठगबंधन बना लें मोदी के खिलाफ , तो मोदी मने भाजपा को 44 तो क्या 4 सीट पे रोक सकते हैं ।
मान लीजिये कि ये ठगबंधन बन गया । इन ने आपस में seat शेयरिंग कर ली ।
और seat sharing ऐसी कर ली जिसमे भाजपा कैंडिडेट के सामने सिर्फ एक उम्मीदवार है महाठगबंधन का मने संयुक्त विपक्ष का ........... यदि ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश , राजस्थान , और गुजरात , हिमाचल के अलावा भाजपा का खाता नहीं खुलेगा । इन चार राज्यों में भी इनकी ज़्यादा से ज़्यादा 40 सीट आएँगी ।
मोटे तौर पे सीट शेयरिंग में
मुलायम सिंह 35 सीट
माया वती 35
लालू 20
नितीश कुमार 18
पासवान 2
ममता बनर्जी 30
सीपीएम 8
जय ललिता 25
करूणानिधि 15
नवीन पटनायक 15
JMM 10
बादल 4
चौटाला 3
केजरीवाल। 10
बाकी की लगभग 160 से ज़्यादा सीट कांग्रेस ले जायेगी ।
ऐसे में महाठग बंधन का PM कौन होगा ? कोई 35 seat वाला मुलायम या 20 सीट वाला लालू या नितीश तो बनने से रहा ? ज़ाहिर सी बात है कि 160 सीट वाली कांग्रेस का मंदबुद्धि नशेड़ी युवराज या फिर उनका कोई puppet ......PUPPET मने कठपुतली .........
नितीश कुमार महाठगबंधन बना के चोर दरवाजे से कांग्रेस को पुनः सत्ता में लाने का ख्वाब देख रहे हैं ।
नीतीश को मार ही डालना है😀😀😀
ReplyDeleteनीतीश को मार ही डालना है😀😀😀
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (23 -04-2016) को "एक सर्वहारा की मौत" (चर्चा अंक-2321) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ऐसा होगा नही,,
ReplyDeleteSahi aanklan
ReplyDeleteइतने सब कैसे इकट्ठा होते, ये तो भानमती का कुनबा हो गया, लीडर कौन होगा, पप्पू, नितिश ,मुलायम,या ओर कोई,,,,,,,????????? मुझे तो कोई नजर नही आरहाहै। २०१९ मे मोदी जी ही प्रधानमंत्री रहेगे ,
ReplyDeleteचालीस चोरों के हसीन सपने।
ReplyDeleteऐसे निर्ममता से न तोडिये।हम तो कामना करेंगे कि वो आपकी पोस्ट(चेतावनी)तक पहुँचेही न और सब मिल विराट ठगबंधन कर अइसही सीट बाँटे।